आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने राज्य की शिक्षा व्यस्था पर तीखी टिप्पणी की है। बंधु तिर्की ने कहा, राज्य में 21 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं जिसमें से साढ़े 18 हजार वैसे उत्क्रमित स्कूल हैं, जो सर्व शिक्षा अभियान के तहत चल रहे हैं। इसके अलावा पांच सौ नव प्राथमिक विद्यालय हैं। संसाधन की नहीं सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी है। कहा कि शिक्षा की बुनियाद प्राथमिक शिक्षा होती है। अगर यह कमजोर रहा तो हमारा भविष्य कैसे मजबूत रहेगा। 22 वर्षों में जिस प्रकार से प्राथमिक शिक्षा को हल्के में लिया गया वह खतरनाक साबित हो रहा है। पिछले तीन सालों में शिक्षा के बेहतर काम किये जा सकते थे, ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार के पास संसाधन की कमी है। सरकार पूरा प्रयास भी कर रही है। इस प्रयास के बावजूद इच्छा शक्ति की कमी है। स्कूल में बेंच-डेस्क, फर्नीचर और अन्य संसाधनों पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है।
बंधु तिर्की ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था और सुविधाओं की कमी का जिक्र करते हुए कहा, विद्यालयों में अलमारी तक नहीं है जहां विद्यालय के दस्तावेज, पुस्तकें, स्टेशनरी आदि सुरक्षित रखी जा सके। हर विद्यालय में सुव्यवस्थित लाइब्रेरी होनी चाहिए। लाइब्रेरी ना होने की वजह से पुस्तकों को दीमक खा जाते हैं या वह नष्ट हो जाते है। परियोजना एवं प्राथमिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता, अपनी प्रबंधन एवं प्रशासनिक क्षमता से अपने दायित्वों को कार्यरूप में परिवर्तित करते हुए प्राथमिक शिक्षा की स्थिति को बेहतर करने के लिए अपना पूरा प्रयास करना चाहिए।