अजय शर्मा
रांची (आजाद सिपाही)। हेमंत सोरेन की सरकार चार दिन बाद अपना तीसरा बर्थ डे मनायेगी। आम तौर पर यह जिम्मेदारियों के प्रति संकल्प दोहराने का दिन होता है और होना भी चाहिए, लेकिन साथ ही इस तीन साल की अवधि के दौरान अलग-अलग कसौटियों पर सरकार को कसने की भी जरूरत है। अपने कार्यकाल का आधा से अधिक हिस्सा पूरा करने के बाद हेमंत सोरेन एक मुख्यमंत्री के रूप में कहां खड़े हैं और उनके नेतृत्व में झारखंड कहां खड़ा है, इसका मूल्यांकन होना ही चाहिए। हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल के कार्यकाल को यदि एक वाक्य में समेटना हो, तो आराम से कहा जा सकता है कि इस सरकार ने और उससे भी अधिक इसके मुखिया, यानी मुख्यमंत्री ने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में कई बड़े कदम उठाये हैं।
कार्यकाल की शुरूआत में ही वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लड़खड़ाती व्यवस्था को पटरी पर रखने के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी राजनीतिक राह में आयी तमाम बाधाओं को बड़ी कुशलता से पार किया। सत्ता संभालने से पहले उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार का हर फैसला झारखंड के हित में होगा और अब तक के फैसले उनकी इस बात को साबित भी करते हैं। चाहे सरना धर्म कोड का फैसला हो या आरक्षण का, स्थानीयता नीति का मुद्दा हो या आदिवासियों की जमीन वापसी का, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हर मुद्दे पर निर्णायक कदम उठाये। यह अलग बात है कि उनके फैसलों को अदालतों ने रद्द या स्थगित कर दिया, लेकिन एक बात साफ हो गयी कि हेमंत की नीयत में कोई खोट नहीं है।

क्या-क्या होगा 29 दिसंबर को
29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं। उस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। प्रोजेक्ट भवन में आयोजित होनेवाले मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री डीबीटी के माध्यम से राज्य के 10 लाख किसानों को सूखा राहत राशि प्रदान करेंगे। इसके अलावा 25 लाख प्री-मैट्रिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और 5.60 लाख बच्चियों को सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लाभ का तोहफा देंगे। कुल 12 सौ करोड़ रुपये की राशि का वितरण होगा। इसके अलावा कई मॉडल स्कूल भवनों का उद्घाटन होगा और इंफ्रा प्रोजेक्ट और स्पोर्ट्स इंटीग्रेटेड पोर्टलों का भी शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह संकल्प व्यक्त कर चुके हैं कि उनकी सरकार आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित सहित सभी वर्गों को उनका हक-अधिकार देगी।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version