-राजधानी में गरजेंगे आदिवासी समाज के अगुआ
-धर्मांतरित लोगों को एसटी का नहीं देने की होगी वकालत
रांची। जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेशराम भगत ने बताया कि 24 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में उलगुलान आदिवासी डिलिस्टिंग महारैली होगी। इसमें भारी संख्या में जनजाति समाज के लोग विभिन्न जिलों से शिरकत करेंगे। अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखने का आह्वान करेंगे, जिसमें धर्मांतरित को एसटी का आरक्षण की सुविधा नहीं मिले, यह प्रमुख मुद्दा रहेगा। पत्रकारों से बातचीत में शनिवार को कहा कि इस मुद्दे को स्व कार्तिक उरांव ने संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष रखा था, ताकि जिसने जनजाति मत और विश्वासों का परित्याग कर दिया है। इसाई या इस्लाम धर्म अपना लिया है, उसे एसटी का सदस्य नहीं समझा जायेगा। उसे अनुसूचित जनजाति का आरक्षण नहीं मिले।
कहा कि देश के 700 से अधिक जनजातियों के विकास और उन्नति के लिए संविधान निमार्ताओं ने आरक्षण और अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया था, लेकिन इन सुविधाओं का लाभ अधिकतर वे लोग उठा रहे हैं, जो अपनी प्रथा छोड़ इसाई या मुस्लिम बन गये हैं। जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सरकारी नौकरियों को हथियाने वाले ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ न्यायालयीन कार्यवाही के लिए आगे आयें।
जनजातीय समाज की आवाज बने अधिकारी
केंद्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों में ऊंचे पदों पर बैठे अफसरों से भी यह अपेक्षा है कि वे समाज के अंतिम छोर पर खड़े इस जनजातीय समुदाय की आवाज बने। धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुचित लाभ देने से खुद को रोके। सांसद और विधायक से भी अपेक्षा है कि वे जनजातियों को उनका वाजिब हक दिलाने में पहल करें।
इनकी रही मौजूदगी
प्रकाश सिंह, संदीप उरांव, हिंदुवा उरांव, मेघा उरांव, सोमा उरांव और अन्य उपस्थित थे।