रांची। शुक्रवार को भारतीय संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि मनायी गयी। डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने पूरा जीवन दलितों, शोषितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। दलितों के मसीहा अंबेडकर महान चिंतक, समाज सुधारक, न्यायविद व अर्थशास्त्री भी थे।

भीमराव अंबेडकर की विरासत आज भी देशभर में प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के क्षेत्र में जो क्रांति शुरू की, वह हमेशा प्रासंगिक रहेगी। उनके विचार और योगदान वंचितों के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हुए।

भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होगी, बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का नाम प्रमुखता से लिया जायेगा। यही वजह है कि 6 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख के रूप में दर्ज है। इस दिन देश भर में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जाती है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से हेमंत दास, रामचंद्र नायक, जोगेंद्र लाल, रंजन पासवान, सुबोध कांत, खुदा राम, कमलेश राम, राजीव राज लाल, राकेश राम, गोविंद बाल्मिकी, मनोज राम, संजय चौधरी, प्रेम मित्तल, सूरज चौरसिया, बबीता वर्मा सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

 

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