रांची। संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठ से संबंधित जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाइकोर्ट की खंडपीठ को बताया गया कि हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी लंबित है, सुप्रीम कोर्ट में अभी इसपर सुनवाई अभी चल रही है। इस पर खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तिथि 4 फरवरी 2025 निर्धारित की। पूर्व की सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल आॅफ इंडिया जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठ हुई हैं या नहीं इसे लेकर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने के हाइकोर्ट के 20 सितंबर के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी है । सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने एसएलपी दाखिल की है।

हाइकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार ने बांग्लादेश की घुसपैठियों के झारखंड में प्रवेश के संबंध में कोई डाटा अपने शपथ पत्र में नहीं दिया है। उनकी ओर से यह भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह का एक मामला पेंडिंग है। सॉलिसिटर जनरल आॅफ इंडिया जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्र सरकार ने संथाल परगना में घुसपैठ को लेकर अंतिम जनगणना के आधार पर आदिवासियों की संख्या में कमी आने का डाटा दिया गया है।

यहां बता दें की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का उद्देश्य झारखंड के सीमावर्ती जिलों यथा देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़, दुमका और जामताड़ा में अवैध घुसपैठियों की पहचान करना तथा ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की व्यवस्था करना होगा। हाइकोर्ट की खंडपीठ झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के संथाल परगना में अवैध प्रवेश को लेकर दानियल दानिश की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसी मामले के साथ झारखंड में आदिवासियों का धर्मांतरण रोकने को लेकर दाखिल सोमा उरांव की जनहित याचिका पर भी सुनवाई हाइकोर्ट में हो रही है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version