Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, June 7
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Jharkhand Top News»1932 खतियान: क्या कह रहे कानून के जानकार
    Jharkhand Top News

    1932 खतियान: क्या कह रहे कानून के जानकार

    adminBy adminSeptember 15, 2022No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    झारखंड हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता ए अल्लाम  के अनुसार 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाना उचित नहीं है। अगर इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई तो यह कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा और इसे निरस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका परिवार करीब 70 सालों से यहां रहता है। ऐसे में उनके बच्चे यहीं पैदा हुआ और पढा़ई भी की है। ऐसे में उन्हें कहां की स्थानीयता मिलेगी। इसलिए उक्त राज्य सरकार की उक्त नीति सही नहीं है।

    हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से ओबीसी के लिए आरक्षण दर बढ़ाया जाना सही हैं। क्योंकि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा साहनी और मराठा आरक्षण में की शर्तें लगाई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि उन शर्तों को पूरा किए बिना ही आनन-फानन में सरकार ने इस तरह का फैसला लिया है। उन्होंने आशंका जतायी है की यह हाई कोर्ट में नहीं टिकेगी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार एक अपवाद और विशेष परिस्थिति में लागू किया जा सकता है। सरकार का कदम लोक लुभावन जरूर है, लेकिन इससे पिछड़े वर्गों को कोई फायदा नहीं होगा।

    हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाए जाने पर कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार ने इसे नियोजन नीति से जोड़ा है। क्योंकि इसे पूर्व में झारखंड हाई कोर्ट की संवैधानिक पीठ खारिज कर चुकी है। सरकार अगर निर्धारित शर्तों का पालन किए बिना ही ऐसी नीति बना रही है, तो यह सिर्फ कागजी रह जाएगा। कुल मिलाकर दोनों फैसले राजनीतिक प्रतीत हो रहे हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Article1932 खतियान से जमशेदपुर को सबसे ज्यादा नुकसान, कोल्हान भी होगा प्रभावित
    Next Article सीएम ने राज्यपाल से कहा निर्वाचन आयोग का पत्र उजागर करें
    admin

      Related Posts

      झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल

      June 7, 2025

      पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास

      June 7, 2025

      गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा

      June 7, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version