गिरिडीह: के छोटकी खरगडीहा में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कौलाशपति राना नाम के किसान ने बैंक ऑफ इंडिया की छोटकी खरगडीहा शाखा से केसीसी ऋण लिया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहे थे.
इस बीच किसान के बेटे ने दुर्गा पूजा के अवसर पर कुछ रुपए अपने पिता के बैंक एकाउंट में भेजे थे. किसान बचत खाते में से वे रुपए निकालना चाह रहा थे. मगर शाखा प्रबंधक ने ऋण चुकाए बिना बचत खाता से रुपए निकालने पर रोक लगा दी थी. इससे किसान कौलाशपति राना परेशान हो गए.
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले को लेकर कल चार अक्टूबर को शाखा प्रबंधक और किसान कैलाशपति के बीच बहस भी हुई. इस बहस में किसान को काफी अपमानित होना पड़ा. आखिरकार उन्हें पैसे नहीं निकालने दिया गया. परिजनों का आरोप है कि इसीसे आहत होकर किसान कैलाशपति ने बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
किसान की बेटी निशा ने बताया कि शाखा प्रबंधक की बदसलूकी से उसके पिता काफी दुखी और आहत थे. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि बैंक में जमा अपने पैसे वह कैसे निकालें. घर पर पिताजी को काफी समझाया गया मगर उन्होंने रात में आत्महत्या कर ली. इधर मुखिया और बीस सूत्री के प्रखंड अध्यक्ष महेन्द्र वर्मा ने कहा कि किसान के साथ बैंक के शाखा प्रबंधक और बैंक कर्मियों ने दुर्व्यवहार किया. किसान के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के समय बैंक में काफी संख्या में लोग उपस्थित थे. किसान कैलाशपति इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए और घर आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. महेन्द्र वर्मा ने पूरे मामले की जांच कर दोषी बैंक मैनेजर पर कार्रवाई की मांग की है. घटना से आक्रोशित ग्रामीण बैंक ऑफ इंडिया छोटकी खरगडीहा शाखा के बाहर बैंक मैनेजर के विरूद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं.