Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, September 28
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»दुनिया»यूएन में एस. जयशंकर का बड़ा बयान- पाकिस्तान आतंकवाद का ग्लोबल सेंटर
    दुनिया

    यूएन में एस. जयशंकर का बड़ा बयान- पाकिस्तान आतंकवाद का ग्लोबल सेंटर

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 28, 2025No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    – जयशंकर ने भारत को बताया वैश्विक योगदानकर्ता
    न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत स्वतंत्रता के बाद से लगातार आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे पड़ोसी देश को लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद का गढ़ माना जाता है।

    जयशंकर ने कहा कि दुनिया में हुए कई बड़े आतंकी हमलों की जड़ें एक ही देश से जुड़ी हैं। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में ऐसे अनेक नाम शामिल हैं, जो उसी देश के नागरिक हैं। उन्होंने हाल ही में अप्रैल 2025 में पहलगाम में पर्यटकों की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह “क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म” का ताजा उदाहरण है।

    ‘आतंकवाद की निंदा और कड़ी कार्रवाई जरूरी’
    विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद आज नफरत, हिंसा, असहिष्णुता और डर को मिलाकर एक वैश्विक खतरा बन चुका है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “जब कोई देश आतंकवाद को अपनी राज्य नीति बना ले, जब वहां बड़े पैमाने पर आतंकी कैंप संचालित हों और जब आतंकवादियों का सार्वजनिक तौर पर महिमामंडन किया जाए, तो इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।”

    जयशंकर ने कहा कि आतंकी नेटवर्क और उसकी फंडिंग पर लगातार दबाव बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दुनिया ऐसे देशों को छूट देती रही, तो अंततः वही आतंकवाद उनके लिए भी खतरा बनकर लौटेगा।

    भारत तैयार है अधिक जिम्मेदारियों के लिए
    संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर जोर देते हुए जयशंकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि यूएन सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए। इससे यह वैश्विक निकाय अधिक प्रतिनिधिक और लोकतांत्रिक बनेगा। उन्होंने कहा, “भारत अधिक जिम्मेदारियां निभाने के लिए तैयार है। यूएनएससी को ज्यादा देशों की आवाज को शामिल करना चाहिए।”

    भारत का वैश्विक योगदान भी गिनाया
    विदेश मंत्री ने न केवल चुनौतियों पर बात की, बल्कि भारत के वैश्विक योगदान की तस्वीर भी पेश की। उन्होंने बताया कि भारत ने हाल के भूकंपों के दौरान अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों की तुरंत मदद की। उत्तरी अरब सागर में भारत ने सुरक्षित व्यापार सुनिश्चित किया और समुद्री डकैती पर रोक लगाई।

    जयशंकर ने गर्व के साथ कहा-
    – “हमारे सैनिक शांति बनाए रखते हैं, हमारे नाविक जहाजों की सुरक्षा करते हैं, हमारे सुरक्षा बल आतंकवाद से लड़ते हैं।”

    – “हमारे डॉक्टर और शिक्षक दुनिया भर में मानव विकास में योगदान देते हैं, हमारे उद्योग सस्ती वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं, हमारे तकनीकी विशेषज्ञ डिजिटलीकरण को आगे बढ़ाते हैं और हमारे प्रशिक्षण केंद्र पूरी दुनिया के लिए खुले हैं।”

    उन्होंने कहा कि यह सब भारत की विदेश नीति की जड़ में निहित है, जो “सहयोग, विकास और शांति” पर आधारित है।

    ‘भारत के लोगों की ओर से नमस्कार’
    इससे पहले, अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए जयशंकर ने कहा कि “भारत के लोगों की ओर से नमस्कार।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के आठ दशक बाद भी शांति और मानव गरिमा की रक्षा इसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने याद दिलाया कि उपनिवेशवाद के अंत के बाद से दुनिया अपनी विविधता की ओर लौटी है और संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता चार गुना हो चुकी है। आज वैश्वीकरण के दौर में विकास, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं वैश्विक कल्याण का केंद्रीय मुद्दा बन चुके हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसड़क हादसे में बच्चे की मौत, सड़क जाम
    Next Article एसीबी ने नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के मालिक विनय सिंह के छह ठिकानों पर शुरू की छापेमारी
    shivam kumar

      Related Posts

      शंघाई में आयुर्वेद दिवस समारोह, स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद के महत्व पर चर्चा

      September 28, 2025

      दुर्गा पूजा से पहले मूर्तियों पर हमले, हिन्दू संगठनों ने सुरक्षा को लेकर जताई चिंता

      September 27, 2025

      चीन ने लॉन्च किया फेंगयुन-3-08 उपग्रह, मौसम पूर्वानुमान को मिलेगी नई ताकत

      September 27, 2025
      Add A Comment
      Leave A Reply Cancel Reply

      Recent Posts
      • जोगबनी में युवक की आपसी विवाद में गोली मारकर हत्या, छानबीन में जुटी पुलिस, तीन हिरासत में
      • अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष के धर्म साहित्य सत्र की बिहार के राज्यपाल ने की अध्यक्षता
      • मन की बात: देश को वैचारिक गुलामी से बचाने के लिए हुई थी संघ की स्थापना, स्वयंसेवक संकट में निभा रहा अपनी भूमिका
      • लेह शहर में रविवार को लगातार पाँचवें दिन कर्फ्यू जारी
      • एशिया कप के फाइनल में पहली बार भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला आज
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version