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    Home»Breaking News»मिशन 2019 : झारखंड के 10 सांसदों की हालत बेहद खराब
    Breaking News

    मिशन 2019 : झारखंड के 10 सांसदों की हालत बेहद खराब

    azad sipahiBy azad sipahiJanuary 15, 2019No Comments5 Mins Read
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    आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो
    रांची। अगले चार महीने के भीतर देश में होनेवाले आम चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुट गये हैं। खास कर भाजपा इस मिशन 2019 पर विशेष ध्यान दे रही है, क्योंकि वह सत्ता में है, इसलिए स्वाभाविक तौर पर वह अपना हर कदम फूंक-फूंक कर उठा रही है, क्योंकि उसके सामने सत्ता विरोधी लहर की चुनौती भी है।

    इसके साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व में बन रहे विपक्षी महागठबंधन भी उसे कड़ी चुनौती दे सकता है। इसलिए भाजपा ने मिशन 2019 की तैयारी के क्रम में साइबर माध्यमों का भी पूरा इस्तेमाल किया है। इस क्रम में नमो एप पर जनता से फीडबैक लेने का सिलसिला शुरू किया गया है। इस सर्वेक्षण ने भाजपा सांसदों की नींद उड़ा दी है। सर्वेक्षण के नतीजों के बारे में अभी औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन जानकारी मिली है कि इसमें 60 फीसदी भाजपा सांसदों के कामकाज को संतोषजनक नहीं पाया गया है। झारखंड के 12 में से 10 सांसदों की मुश्किलें सर्वेक्षण के बाद बढ़ सकती हैं।
    लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने अपने सांसदों के कामकाज का आकलन करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नमो एप पर पीपुल्स पल्स नामक सर्वेक्षण जारी किया है। इस सर्वेक्षण में वैसे तो सांसदों के कामकाज के बारे में कोई सीधा सवाल नहीं है, लेकिन चुनाव क्षेत्र के तीन सबसे लोकप्रिय भाजपा नेताओं का नाम पूछा गया है। इसके साथ ही सरकार द्वारा किये गये कामकाज के मूल्यांकन के बारे में सवाल पूछे गये हैं। सर्वेक्षण के नतीजे के बारे में अब तक औपचारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इस सर्वेक्षण ने झारखंड के 10 सांसदों को मुश्किल में डाल दिया है।

    सर्वेक्षण में केवल खूंटी के कड़िया मुंडा और पलामू के वीडी राम को ही समर्थन मिला है। बाकी सभी सांसद अपने-अपने चुनाव क्षेत्र के तीन सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार नहीं हैं।
    क्या है सर्वेक्षण
    पीपुल्स पल्स नामक इस सर्वेक्षण में कई सवाल पूछे गये हैं। इसमें एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या भाजपा विरोधी महागठबंधन का आपके संसदीय क्षेत्र में कोई असर होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ट्विटर पर एक संक्षिप्त वीडियो पोस्ट कर लोगों से सर्वेक्षण में हिस्सा लेने की अपील की। सर्वेक्षण में लोगों से उनके राज्य, संसदीय क्षेत्र, सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं, किसानों की समृद्धि, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, स्वच्छ भारत, राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, ढांचागत सुविधाएं, रोजगार और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों में केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में पूछा गया है। वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि नमो ऐप पर सर्वेक्षण शुरू किया गया है।

    सर्वेक्षण के माध्यम से वह सीधे जनता का फीडबैक चाहते हैं, क्योंकि जनता का फीडबैक मायने रखता है। विभिन्न मुद्दों पर जनता के फीडबैक से सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय करने में मदद मिलेगी। आम चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने के प्रयासों के बीच यह सर्वेक्षण शुरू किया गया है। सर्वेक्षण में एक सवाल यह भी है कि संसदीय क्षेत्र में भाजपा के तीन लोकप्रिय नेताओं के नाम बतायें।
    भाजपा सांसदों में घबराहट
    सर्वेक्षण जारी होने के साथ ही भाजपा के सांसदों की घबराहट बढ़ गयी है। सूत्रों के अनुसार, इसी सर्वेक्षण के आधार पर भाजपा लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार करेगी। पिछले साढ़े चार साल में यह पहली बार नहीं है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सांसदों के कामकाज के बारे में आम लोगों से सीधा फीडबैक ले रहे हैं। इससे पहले भी नमो एप और कई अन्य सर्वेक्षणों की मदद से प्रधानमंत्री ने फीडबैक लिया है। उन सर्वेक्षणों के आधार पर ही प्रधानमंत्री कई बार सांसदों से सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों को जनता के बीच पहुंचाने के बारे में कह चुके हैं। इसके अलावा वह सांसदों से सरकारी आंकड़ों को लेकर नमो ऐप पर सक्रियता बढ़ाने के लिए भी कह चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी लोगों से इस सर्वेक्षण में भाग लेने की अपील की है। भाजपा के ज्यादातर सांसद हिंदी पट्टी के राज्यों झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आते हैं। इनमें से तीन राज्यों, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी अपना विजय अभियान जारी रखने में नाकाम रही है। इसमें हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों की हार और उत्तरप्रदेश में गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में हुए लोकसभा के उप चुनावों की हार भी शामिल है।
    झारखंड के 10 सांसदों की स्थिति खराब
    नमो एप के पीपुल्स पल्स सर्वेक्षण में झारखंड के 12 में से 10 सांसदों के बारे में फीडबैक उत्साहजनक नहीं है। जानकारी के अनुसार कम से कम आधा दर्जन सांसदों का कामकाज पहले से ही असंतोषजनक की श्रेणी में रखा गया है। चार और सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्र की तीन सबसे लोकप्रिय भाजपा नेताओं में शुमार नहीं किया गया है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तीन राज्यों में पराजय के बाद झारखंड पर विशेष फोकस कर रहा है। इसके मद्देनजर राज्य के सभी 14 संसदीय क्षेत्रों में पार्टी के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया गया है। ये कार्यकर्ता अभी से गांवों में कैंप कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ये कार्यकर्ता भी पार्टी नेतृत्व को प्रति दिन अपनी रिपोर्ट दे रहे हैं। इन सभी रिपोर्टों को भाजपा मुख्यालय को भेजा जा रहा है। नमो एप पर जारी सर्वेक्षण के बाद से झारखंड के सांसदों की सक्रियता स्वाभाविक तौर पर बढ़ेगी, क्योंकि अगले कुछ दिनों में उनके कामकाज का सघन मूल्यांकन किया जायेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 19 जनवरी के प्रस्तावित दौरे में सांसदों की पहली अग्निपरीक्षा होगी।

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