आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्य के वित्त मंत्री सह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि बाहर फंसे झारखंड के छात्र- छात्राओं को वापस लाने के लिए आधिकारिक स्तर पर बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में दूसरे राज्यों से बातचीत करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को जिम्मेवारी सौंपी गयी है। ये वरिष्ठ अफसर लगातार दूसरे राज्यों से संपर्क स्थापित कर लॉकडाउन में फंसे छात्र-छात्राओं के अलावा प्रवासी श्रमिकों, मरीजों और उनके परिजनों को वापस लाने तथा उन्हें उसी राज्य में मदद उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड सरकार द्वारा भी राज्य में दूसरे राज्यों के फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं और अन्य लोगों को सहायता उपलब्ध करायी जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की शनिवार को हुई बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ उरांव ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी नयी गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन में छूट देने की जिम्मेवारी राज्यों को सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। इसलिए ही झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देश के पहले ही पूरे राज्य में लॉकडाउन का निर्णय लिया था। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से वायरस पर अंकुश लगाने में काफी हद तक सफलता मिली है और इसका फायदा दिख रहा है। इसलिए राज्य सरकार आगे कोई भी छूट देने के पहले इस बात का मूल्यांकन करेगी कि उन्हीं दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाये, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके या अन्य शर्तों का पालन का अनुपालन कराना संभव हो ।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के कोष में पैसे की कोई कमी नहीं है। आपदा राहत कोष से पैसा दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा और आग्रह किया गया है। इस वैश्विक महामारी में केंद्र सरकार को आपदा राहत कोष से झारखंड जैसे गरीब, आदिवासी एवं पिछड़े राज्य को विशेष पैकेज उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोग स्वयं ही अनुशासन का पालन करते रहे हैं और इस विकट संकट की स्थिति में भी अनुशासन तथा एकजुटता का पालन कर देश-दुनिया के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है। अभी कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट की स्थिति समाप्त नहीं हुई है। लोगों से यह अपील की जाती है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें और कांग्रेसजनों से भी यह विशेष आग्रह है कि मुश्किल में फंसे लोगों को हरसंभव सहायता और सहयोग उपलब्ध करायें।
डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस का राहत निगरानी समिति के माध्यम से भी झारखंड और झारखंड से बाहर फंसे लोगों को मदद उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि आज मुंबई एयरपोर्ट के पीछे के पीछे एक बस्ती में फंसे झारखंड के 15 लोगों को सहायता उपलब्ध करायी गयी है। मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को एक एक-एक हजार रुपये की सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों का निबंधन मुख्यमंत्री सहायता एप के माध्यम से हो चुका है। राज्य सरकार ने 29 अप्रैल तक लोगों से निबंधन कराने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि इस एप के माध्यम से ही प्रवासी मजदूरों की पहचान हो पायेगी और जितने भी मजदूर सत्यापित होंगे, उन सभी को सहायता राशि उपलब्ध करायी जायेगी। पार्टी मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में हुई बैठक में समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान, आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता, लाल किशोरनाथ शाहदेव और रोहित प्रियदर्शी उरांव भीउपस्थित थे।