Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, May 24
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Jharkhand Top News»सख्ती: कोरोना सैंपल को लेकर दायर शपथ पत्र पर हाइकोर्ट नाराज
    Jharkhand Top News

    सख्ती: कोरोना सैंपल को लेकर दायर शपथ पत्र पर हाइकोर्ट नाराज

    bhanu priyaBy bhanu priyaApril 13, 2021No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। कोरोना सैंपल की जांच को लेकर रिम्स और रांची सिविल सर्जन की ओर से विरोधाभाषी बातों पर हाइकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी है। कोर्ट ने मौखिक रूप से सवाल उठाया कि रिम्स का शपथ पत्र सही है या रांची सिविल सर्जन का? दोनों में से कोई तो गलत है, सही तथ्य कोर्ट के समक्ष रखा जाये अन्यथा किसी स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआइ को जांच का आदेश दिया जा सकता है। हाइकोर्ट के समक्ष यह बात संज्ञान में आयी कि रविवार को हरमू स्थित शवदाह गृह में शवों को जलाने के ल्एि एंबुलेंसों की लाइन लगी थी, वहां की मशीनें खराब हो गयी थीं। इस पर कोर्ट ने मौखिक रूप से सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि शवदाह गृह में शवों की लाइन लगी थी, वैसी स्थिति में रांची उपायुक्त क्या कर रहे थे? मशीनों को क्यों नहीं ठीक कराया गया।
    कोर्ट ने कहा, मृत लोगों को भी शांति नहीं दे सके
    कोर्ट ने मौखिक कहा कि मृत लोगों को शांति नहीं दे सके, यह किस प्रकार की स्थिति है? कोर्ट ने मामले में मंगलवार को रांची उपायुक्त, अपर नगर आयुक्त, रांची सिविल सर्जन सहित राज्य के स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक को वर्चुअल तरीके से उपस्थित रहने का निर्देश दिया। हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मौखिक कहा कि रिम्स की ओर से कहा जा रहा है कि उसके द्वारा कोरोना सैंपल लेने से कभी भी इंकार नहीं किया गया है। वहीं रांची सिविल सर्जन कहते हैं कि बैकलॉग के कारण रिम्स कोरोना सैंपल लेना नहीं चाहता है। कोर्ट को गुमराह करने पर सजा का प्रावधान है, इसे सभी को समझने की जरूरत है। खंडपीठ ने रांची सिविल सर्जन से मौखिक पूछा कि पांच अप्रैल को कितने कोरोना सैंपल जमा किये गये थे और कितने कोरोना सैंपल को जांच के लिए रिम्स या अन्य जगहों पर भेजा गया था। इस पर सिविल सर्जन ने बताया कि पांच अप्रैल को कोरोना जांच के लिए 1907 सैंपल लिये गये थे, जिसमें से जांच के लिए 604 सैंपल भेजा गया है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने रांची सिविल सर्जन से यह भी पूछा कि उनके आवास से जिन 73 कर्मियों का सैंपल लिया गया था, उसकी जांच रिपोर्ट का क्या हुआ। रांची सिविल सर्जन इन बातों का स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे थे।
    चीफ जस्टिस आवास की रिपोर्ट देर से तो आम आदमी का क्या हाल होगा
    इस पर चीफ जस्टिस ने फटकार लगाते हुए कहा कि रांची सिविल सर्जन की अनदेखी के कारण उनके आवास के कर्मियों की कोरोना जांच की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। जबकि कोरोना जांच के लिए उनका सैंपल पांच अप्रैल को ही लिया गया था। अब सिविल सर्जन बता रहे हैं कि नौ अप्रैल को उनके आवास के कर्मियों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। यह दुभार्ग्यपूर्ण स्थिति है। जब चीफ जस्टिस के आवास के कर्मियों की कोरोना जांच की यह स्थिति है, तो आम आदमी की कोरोना जांच की रिपोर्ट का क्या होगा? सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक कोर्ट में वुर्चअल तरीके से उपस्थित थे। कोर्ट ने मामले में मंगलवार को रांची सिविल सर्जन को चार्ट वाइज शपथ पत्र देने को कहा है कि पांच अप्रैल के बाद से नौ अप्रैल तक कितने कोरोना जांच के सैंपल जमा किये गये और कितने को जांच के लिए भेजा गया। कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से मौखिक कहा कि राज्य में कोरोना के कारण हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति है। रिम्स में जल्द से जल्द मेडिकल उपकरणों की खरीदारी सहित कर्मियों की कमी दूर करनी होगी, जिससे कारोना से लड़ा जा सके। साथ ही रांची सहित राज्य के सभी जिलों में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleचक्रवात से ज्यादा दर्द दीदी के विश्वासघात ने दिया : मोदी
    Next Article उपचुनाव : मधुपुर में सीएम ने धुआंधार प्रचार किया
    bhanu priya

      Related Posts

      झारखंड की धोती-साड़ी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई : बाबूलाल

      May 23, 2025

      मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन से दो मेजर जनरल ने की मुलाकात

      May 23, 2025

      मेगा टिकट चेकिंग अभियान में 1021 यात्रियों से वसूला गया 5.97 लाख

      May 23, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • सवाल कर राहुल ने स्वीकारा तो कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर करवाई की
      • झारखंड की धोती-साड़ी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई : बाबूलाल
      • मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन से दो मेजर जनरल ने की मुलाकात
      • मेगा टिकट चेकिंग अभियान में 1021 यात्रियों से वसूला गया 5.97 लाख
      • न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर हेले जेनसेन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास, 11 साल के करियर का अंत
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version