Author: azad sipahi desk

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा की जांच करने के लिए फरेसिंक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की एक टीम आज कैंपस पहुंची। जेएनयू छात्रावास में हुई हिंसा में छाससंघ अध्यक्ष समेत 34 अन्य स्टूडेंट्स घायल हुए थे। फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायलॉजी विभाग के विशेषज्ञ आज कैंपस पहुंचे। जांच को दिशा देने के लिहाज से फरेंसिक विभाग की जांच काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। फिजिक्स विभाग की टीम हिंसा के लिए प्रयोग हुए पत्थर और रॉड को कलेक्ट करने की कोशिश करेंगे। इन्हीं के जरिए नकाबपोश लोगों ने छात्रावास में हिंसा की थी। हिंसा में अगर किसी तरह के…

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राहुल सिंह रांची। झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी अपने पुराने घर भाजपा में लौटेंगे? अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है। सिर्फ और सिर्फ दिन और तारीख तय होना बाकी है। अभी तक की सूचना के अनुसार उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता बनाया जायेगा। दिल्ली के सूत्रों पर अगर यकीन करें, तो बाबूलाल मरांडी के कारण ही भाजपा ने विधायक दल के नेता का चयन अभी नहीं किया है। दिल्ली के सूत्रों का कहना है कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा में आ जाने से विधानसभा में पार्टी के विधायकों का परफॉरमेंस बेहतर हो जायेगा और भाजपा…

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रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ताबड़तोड़ फैसला लेना और आदेश देना शुरू कर दिया है। सोमवार को उन्होंने अपना पहला आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री ने बलात्कार और पोस्को एक्ट के लंबित मामलों पर त्वरित सुनवाई के लिए राज्य में 22 फास्ट ट्रैक विशेष अदालत बनाने का आदेश दिया है, ताकि इन मामलों का जल्द से जल्द निष्पादन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने इन फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय की प्रशासनिक स्थापना का आदेश दिया। साथ ही इसके संचालन के लिए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के 22 पद और उसके संचालन के लिए प्रत्येक न्यायालय में वर्ग तीन और वर्ग चार…

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रांची। पूर्व मंत्री एवं झाविमो विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक है। बाबूलाल मरांडी भाजपा में जाने की गलती नहीं करेंगे, उन्हें पक्का विश्वास है। अगर कभी ऐसा हुआ तो देखा जायेगा मगर इतना तय है कि मैं किसी भी कीमत पर भाजपा में नहीं जाऊंगा। मेरी अपनी एक विचारधारा है और अपनी राजनीति, जिससे समझौता नहीं कर सकते हैं। ये बातें बंधु तिर्की ने अपने बनहौरा स्थित आवास पर आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि पूरी कमेटी भंग किया जाना उचित नहीं था। मगर यह अध्यक्ष के विशेषाधिकार का मामला…

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राजनीति में हर हार और जीत के पीछे एक नहीं, कई वजहें होती हैं। उनमें कुछ प्रमुख होती हैं, तो कुछ सेकेंडरी। पर इनके सम्मिलित प्रभाव से किसी नेता या पार्टी की जीत या हार तय होती है। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार ने पार्टी को इसके पीछे के कारणों पर मंथन के लिए विवश कर दिया है। इस मंथन से पार्टी को कई वजहें भी मिली हैं और कई बाद में भी मिलेंगी। झारखंड में और खासकर कोल्हान में भाजपा का सूपड़ा साफ होने की एक नहीं, कई वजहें थीं। कोल्हान में चुनावी मोर्चे पर पार्टी की दुर्गति के कारणों को खंगालती दयानंद राय की रिपोर्ट।

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