Author: azad sipahi desk

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। 8 फरवरी को मतदान को होगा और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि चुनाव सिंगल फेज में होगा। इसके लिए 14 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा। नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 21 जनवरी होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 24 जनवरी रखी गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी 70 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसके लिए 2689 जगहों पर वोटिंग होगी। इसके लिए कुल 13757 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि दिल्ली में…

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दुमका। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन दुमका में समाज के प्रबुद्ध नागरिकगण एवं मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने सबको नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके विश्वास को टूटने नहीं दूंगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उपराजधानी आया हूं। यह हमारी कर्मभूमि है। मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि अपनी कर्मभूमि की सेवा पूरे मान-सम्मान के साथ करूंगा। अपने माता-पिता की तरह इस कर्मभूमि की मैं सेवा करूंगा। उन्होंने कहा कि आप सभी के पास कई बातें हैं। आपकी कई इच्छाएं हैं, लेकिन इस मुलाकात अवधि में सारी बातें नहीं हो सकती हैं। मैं…

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रांची। नागरिकता संशोधन कानून भारत के दोनों सदनों से पारित होकर संवैधानिक स्वरूप ले चुका है। करोड़ों पीड़ित शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान कर मोदी सरकार ने महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। रविवार को ये बातें उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहीं। वे प्रदेश भाजपा कार्यालय में नागरिकता संशोधन कानून पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। श्री पांडेय ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपनी प्रार्थना सभा में धार्मिक आधार पर पीड़ित शरणार्थियों के लिए भारत के दरवाजे खुले रखने की बात कही थी। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं और पूर्व की सरकारों…

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रांची। हेमंत सरकार काम करके दिखाने वाली सरकार साबित होगी, ना कि बोलने वाली। लगन, परिश्रम और सच्ची निष्ठा हो, तो कामयाबी स्वत: बाहें फैलाये स्वागत करती है। ये अल्फाज झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय के हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी के सुनहरे 35 साल झारखंड मुक्ति मोर्चा को समर्पित किया है। तमाम विषम परिस्थितियों और प्रशासनिक दबावों के बावजूद इन्होंने कभी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन का साथ नहीं छोड़ा। छात्र जीवन में उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन का नेतृत्व स्वीकारा। तब से लेकर आज तक वह गुरुजी के साथ परछार्इं की तरह रहते हैं। जब भी उनके सामने गुरुजी का जिक्र होता है, वह कहीं अतीत में खो जाते हैं। भावुक हो जाते हैं। उन्हें गुरुजी के साथ बिताये वे पल याद आने लगते हैं, जब कभी गुरुजी उनकी खुली जीप में बैठ खुद ड्राइविंग करने लगते थे। उनके सिर पर हाथ फेरते रहते थे। पहले जब गुरुजी रांची आते थे, तो वह उनके घर पर रहना ही पसंद करते थे। वे कहते हैं: गुरुजी पलंग पर नहीं, जमीन पर सोना पसंद करते हैं। कहते हैं: कभी गुरुजी के साथ बाहर जाने पर गुरुजी होटल में जमीन पर सो जाया करते थे और हम लोगों को पलंग पर सुला देते थे। हेमंत सोरेन के रणनीतिकारों में भी इनकी गिनती होती है। यह झारखंड मुक्ति मोर्चा के उन सिपाहियों में से एक हैं, जिनके रूह में पार्टी की परंपरा और सोच बसती है। राहुल सिंह के साथ विनोद पांडेय ने बातचीत की। उसी बातचीत के प्रमुख अंश-

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