Author: azad sipahi desk

राजस्थान: बिना हेलमेट वालों को जुर्माने की राशि के बदले फ्री में हेलमेट देने का प्रस्ताव

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मुझे विश्वास है सीएम कमलनाथ कांग्रेस घोषणापत्र में किया गया हर वचन पूरा करेंगे: दिग्विजय सिंह

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से अबतक पाकिस्तान ने कई पैंतरे आजमाए पर उसकी दाल नहीं गली। दुनियाभर में कश्मीर को लेकर भारत को बदनाम करने की साजिश की, फेक न्यूज फैलाई, यहां-वहां का विडियो कश्मीर से जोड़कर बताया, कुछ नहीं सूझा तो परमाणु हमले की धमकी दे डाली पर अब पड़ोसी मुल्क शायद झूठ बोलकर थक चुका है। जी हां, भारत को धमकी देने वाले पाकिस्तानी फौज के मेजर जनरल आसिफ गफूर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में युद्ध से तौबा-तौबा करते दिखे। भारत में घुसपैठ कराने वाली पाक आर्मी के…

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सपना सिर्फ व्यक्ति नहीं देखते, पार्टियां भी देखती हैं। और झारखंड में सत्तारूढ़ भाजपा आनेवाले विधानसभा चुनावों के लिए दिन-रात यदि कोई सपना देखती है, तो वह झामुमो को उखाड़ फेंकने का है। पार्टी के 65 प्लस के लक्ष्य में कोई दल बाधक बन रहा है, तो वह मुख्यत: झामुमो और कांग्रेस ही है। इसलिए भाजपा की चुनावी रणनीति का पूरा फोकस झारखंड में इन दो दलों को तेजहीन करना है। इसमें कांग्रेस तो पहले ही तेजहीन सी हो चुकी है, पर झामुमो का दमखम अब भी बहुत हद तक बरकरार है। 2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में आजसू के सहयोग से मजबूत सरकार बनायी। पर मोदी लहर के बावजूद झामुमो 19 सीटें जीतने में सफल रहा। लोकसभा चुनावों में इन दोनों दलों को भाजपा ने कड़ा झटका दिया और ये एक-एक सीट जीतकर इज्जत बचाने में सफल हुए। अब भाजपा खासतौर से झामुमो को झारखंड से जड़ से उखाड़ने में जुटी हुई है। भाजपा का यह सपना कोई दिवास्वप्न नहीं है। ऐसा करने के लिए भाजपा दिन-रात एक किये हुए है। पर आनेवाले विधानसभा चुनावों में ऐसी कई सीटें हैं जो भाजपा की जीत की राह में कड़ी चुनौती पेश करेंगी। इन सीटों के बारे में दयानंद राय की एक रिपोर्ट।

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