राजनीतिक पंडितों को अब समाज की केमिस्ट्री भी जाननी होगी : प्रधानमंत्री
Author: azad sipahi desk
नई दिल्ली: महिला शूटर राही सरनोबत ने म्यूनिख में चल रहे सत्र के तीसरे आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सोमवार को महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल का गोल्ड मेडल जीतकर ओलिंपिक कोटा हासिल किया। 17 साल के निशानेबाज सौरभ चौधरी ने पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल में नए विश्व रेकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता। मेरठ के रहने वाले चौधरी ने फाइनल में 246.3 का स्कोर बनाया और इस तरह से फरवरी में दिल्ली वर्ल्ड कप में बनाए गए 245 अंक के अपने ही पिछले रेकॉर्ड में सुधार किया। उन्होंने इस तरह से सीनियर और जूनियर दोनों वर्गों में विश्व रेकॉर्ड…
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की झारखंड में करारी हार के बाद हाहाकार मच गया है। गंभीर संकट से जूझ रही खासकर कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। हार से पैदा हुए हालात की समीक्षा के साथ पार्टी को संकट से बाहर निकालने पर चर्चा तेज हो गयी है। अब तो सीधे-सीधे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार पर सवाल उठने लगे हैं। इसी को देखते हुए झारखंड कांग्रेस की कमान संभाल रहे डॉ अजय कुमार ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। झारखंड में कांग्रेस की हार इस लिहाज से भी असाधारण है कि पार्टी एक बार फिर आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पायी। कारण पांच महीने बाद ही झारखंड में विधानसभा का चुनाव है। ऐसे में लोकसभा की हार-जीत काफी अहम हो जाती है। इस हाल के बाद यह तय माना जा रहा कि कांग्रेस को संकट के दौर से उबारने के लिए अब संगठन के तौर-तरीकों से लेकर रीति-नीति में व्यापक और निर्णायक बदलाव का दबाव ज्यादा बढ़ गया है। इधर, एक बार फिर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और उनके पुत्र विधायक इरफान अंसारी ने नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है।
खबर विशेष में आज हम बात कर रहे हैं भाजपा के संथाल फतह की रणनीति की। लंबे अरसे के बाद भाजपा ने आखिरकार इस लोकसभा चुनाव में संथाल फतह कर ही ली। फतह ऐसी की झारखंड के सबसे बड़े आदिवासी नेता को मुंह की खानी पड़ी। इतना ही नहीं झाविमो और कांग्रेस के दिग्गजों को भी उनके ही मैदान में जबरदस्त पटखनी दी। चाहे वह झाविमो के प्रदीप यादव हों या चुन्ना सिंह, कांग्रेस के आलमगीर आलम या झामुमो के शशांक शेखर भोक्ता और सीता सोरेन। सभी को उसके ही किले में घुसकर भाजपा ने परास्त किया है। भाजपा ने यह करिश्मा एक दिन में नहीं किया है। पिछले पांच वर्ष से संथाल पत: पर भाजपा काम कर रही थी। आदिवासी बहुल इस इलाके में विकास की बयार के साथ आमजन को जोड़कर भाजपा ने यह करिश्मा किया है। विकास के साथ संगठन को भी भाजपा ने यहां विकसित किया है। नतीजा सामने है, भाजपा ने संथाल की तीन सीट में से दो पर जीत हासिल की है। कैसे संथाल के किले पर भाजपा ने किया कब्जा, कौन थे इसके सूत्रधार और कैसे गुरुजी के अजेय रथ को भाजपा ने संथाल में रोका इसपर प्रकाश डाल रहे हैं आजाद सिपाही के राजनीतिक संपादक ज्ञान रंजन।
नयी दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव राजीव गौबा देश के सबसे बड़े नौकरशाह, अर्थात कैबिनेट सचिव बनाये जा सकते हैं। वर्तमान कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा के सेवा विस्तार की अवधि 30 जून को खत्म हो रही है। उनके स्थान पर गौबा को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह अभी केंद्रीय गृह सचिव हैं। उम्मीद है कि गौबा एक जून को ही बतौर ओएसडी जिम्मेदारी संभाल लेंगे, ताकि कैबिनेट सेक्रेटेरियट के कामकाज से अच्छी तरह वाफिक हो सकें। मोदी सरकार ने जून 2018 में दूसरी बार सिन्हा को एक साल का एक्सटेंशन दिया था। इस तरह से पीके सिन्हा…
आजाद सिपाही संवाददाता मेदिनीनगर। पलामू के शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला की शहादत के सम्मान में पहल सामाजिक संस्था द्वारा जिला स्कूल के मैदान में आयोजित नाइट कॉस्को क्रिकेट टूर्नामेंट का रविवार की शाम शानदार आगाज हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग की तस्वीर पर माल्यापर्ण कर उन्हें नमन किया गया। इसके बाद पलामू के आयुक्त मनोज कुमार झा, उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि एवं पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के साथ झारखंड माटी कला बोर्ड के सदस्य अविनाश देव ने दीप जला कर टूर्नामेंट का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान संत मरियम स्कूल के बच्चों…
आजाद सिपाही संवाददाता पटना। लोकसभा चुनाव में करारी हार और बिहार से सूपड़ा साफ होने के बाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद में हाहाकार मच गया है। राजद के इतिहास में पहली बार पार्टी के एक विधायक ने लालू के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। विधायक महेश्वर यादव ने तेजस्वी से हार की जिम्मेवारी लेते हुए विधायक दल के नेता पद से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं, तो पार्टी टूट जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी बात नहीं…
खबर विशेष में आज हम बात कर रहे हैं भाजपा के संथाल फतह की रणनीति की। लंबे अरसे के बाद भाजपा ने आखिरकार इस लोकसभा चुनाव में संथाल फतह कर ही ली। फतह ऐसी की झारखंड के सबसे बड़े आदिवासी नेता को मुंह की खानी पड़ी। इतना ही नहीं झाविमो और कांग्रेस के दिग्गजों को भी उनके ही मैदान में जबरदस्त पटखनी दी। चाहे वह झाविमो के प्रदीप यादव हों या चुन्ना सिंह, कांग्रेस के आलमगीर आलम या झामुमो के शशांक शेखर भोक्ता और सीता सोरेन। सभी को उसके ही किले में घुसकर भाजपा ने परास्त किया है। भाजपा ने यह करिश्मा एक दिन में नहीं किया है। पिछले पांच वर्ष से संथाल पत: पर भाजपा काम कर रही थी। आदिवासी बहुल इस इलाके में विकास की बयार के साथ आमजन को जोड़कर भाजपा ने यह करिश्मा किया है। विकास के साथ संगठन को भी भाजपा ने यहां विकसित किया है। नतीजा सामने है, भाजपा ने संथाल की तीन सीट में से दो पर जीत हासिल की है। कैसे संथाल के किले पर भाजपा ने किया कब्जा, कौन थे इसके सूत्रधार और कैसे गुरुजी के अजेय रथ को भाजपा ने संथाल में रोका इसपर प्रकाश डाल रहे हैं आजाद सिपाही के राजनीतिक संपादक ज्ञान रंजन।