लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों का सब्र जवाब दे गया है। रोजगार न होने के कारण आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे मजदूरों ने किसी भी तरीके से अपने गांव वापस जाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इस दौरान वे हजारों किमी की दूरी पैदल पार करने को भी तैयार हैं।हैदराबाद में ऐसी ही एक मजदूर महिला 800 किमी की दूरी पैदल पार करने का मन बनाकर निकली है। वह सात महीने की प्रेगनेंट है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की रहने वाली मुजीबुर रेणु अपने पति मुजीबुर रहमान के साथ अपने गांव के लिए निकली हैं।
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आजाद सिपाही संवाददाता बड़वानी। सरकारी प्रयासों के बावजूद दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय…
एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है एक तीसरा आदमी भी है जो न रोटी बेलता है,…
आजाद सिपाही संवाददाता रांची। झारखंड के लाखों प्रवासी मजदूर वापसी की जद्दोजहद में परदेस में पिस रहे हैं। विभिन्न राज्यों…
मजदूरों की वापसी के खर्च को लेकर छिड़ा है घमासान पिछले 42 दिन से पूरा देश जिस तरह तमाम समस्याओं…