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रांची। झारखंड में नियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि पांच साल बाद भी नहीं हो सकी है। इससे ये सभी शिक्षक काफी परेशान हैं। उनकी नियुक्ति 2015-16 में राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में की गयी थी। लगभग 16,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन नौकरी लगने के पां

पटना। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को विधिवत रूप से जदयू का दामन थाम लिया। गुप्तेश्वर पांडेय को जदयू अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदस्यता दिलायी। जानकारी के अनुसार काशी के एक पंडित जी ने शनिवार के समय को शुभ नहीं बताया था। पंडित जी के अनुसार सदस्यता ग्रहण करने का शुभ समय रविवार को साढ़े 4 बजे से साढ़े 5 बजे के बीच का था। इसलिए इसी

राजनीति की गाड़ी संगठन की धुरी पर ही चलती है। तकनीकी विस्तार और पहुंच के बावजूद संगठन का पर्याय अब तक नहीं खोजा जा सका है। भारत में राजनीतिक दलों के भीतर संगठन को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद सबसे पहले भाजपा ने ही शुरू की। अंदरूनी चुनाव और संगठन को ठोस आकार देने में पार्टी सबसे आगे रही है। अभी पार्टी ने अपने नये राष्ट्रीय पदधारियों की जो सूची जारी की है, उसे देख कर इस धारणा की पुष्टि होती है कि पार्टी संगठन पर सबसे अधिक ध्यान देती

शहीद सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या की जांच सीबीआइ से कराने के प्रस्ताव पर शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति दी है। रामेश्वर मुर्मू की हत्या 12 जून 2020 को हुई थी। उनकी हत्या की जांच सीबीआइ से कराने के लिए विभिन्न सामाजि

भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को केंद्रीय पदाधिकारियों की घोषणा कर दी। टीम में झारखंड से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी और राज्यसभा सांसद समीर उरांव को जगह दी गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और सांसद अन्नपूर्णा देवी को जहां पार्टी का राष्टÑीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, वहीं समीर उरांव अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्टÑीय अध्यक्ष बनाये गये हैं। टीम में 12 राष्टÑीय उपाध्यक्ष, आठ राष्टÑीय महामंत्री, एक राष्टÑीय महामं

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बीच मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का मामला कोर्ट में पहुंच गया है। जन्मभूमि परिसर को लेकर मथुरा की कोर्ट में एक सिविल मुकदमा दायर किया गया है। इसमें 13.37 एकड़ पर दावा करते हुए स्वामित्व मांगा है और शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग की गयी है।

पटना। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय शनिवार दोपहर 12 बजे अचानक पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित जदयू मुख्यालय पहुंच गये। उनको अचानक जदयू दफ्तर पहुंचे देख वहां मीडियावालों का हुजूम लग गया। वहां कुछ देर में मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार भी पहुंचने वाले थे। सभी यह कयास लगाने लगे कि गुप्तेश्वर पांडेय जदयू में शामिल होने जा रहे हैं और नीतीश कुमार ही उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायेंगे। हालांकि यह बात कयास ही साबित हुई। क्योंकि मुख्यमंत्री के जदयू दफ्तर पहुंचने

बिहार विधानसभा के चुनाव की घोषणा होने के साथ ही राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों का सियासी माहौल गरमाने लगा है। राजधानी पटना में विभिन्न राजनीतिक दलों के दफ्तरों में बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। बिहार का चुनाव इस बार खास इसलिए भी है, क्योंकि कोरोना काल में यह पहला बड़ा चुनाव होने जा रहा है, जिसमें न जुलूस होंगे, न रैलियां होंगी और न लाउड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र के कृषि से संबंधित बिल पर करारा प्रहार किया है। सीएम ने कहा कि इस बिल में किसानों के हितों की अनदेखी की गयी है। यह कानून राज्यों और किसानों पर जबरन थोपा गया है। अध्यादेश या बिल बनाने से पहले राज्य सरकारों से कोई रायशुमारी भी नहीं की गयी। आजादी के बाद संघीय ढांचा पर यह सबसे बड़ा प्रहार है। किसान विरोधी बिल का हर स्तर प

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। वह एक दिन पहले ही दिल्ली से रांची लौटे थे। गुरुवार को दिल्ली लौटने के बाद उन्होंने श्ुक्रवार को कोरोना टेस्ट कराया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आयी।

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में सरना कोड बिल नहीं लाने से आदिवासी सगंठन नाराज हैं। इसके विरोध में आगामी 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद और चक्का जाम का एलान किया गया है। वहीं, सरना कोड लागू नहीं होने से 2021 की जनगणना में आदिवासियों का अस्तित्व खत्म करने का षड्यंत्र रचने का आरोप आदिवासी संगठन के नेता लगा रहे हैं।