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वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि सरकार के समक्ष असली चुनौती लॉकडाउन खत्म होने के बाद आयेगी। लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों में काम करनेवाले मजदूर झारखंड आयेंगे। इनमें से कुछ आ भी चुके हैं। इनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होगी। इनके लिए भोजन उपलब्ध कराना सरकार का काम है। सबकुछ पटरी पर आने में कम से कम तीन माह लगेंगे। केंद्र सरकार को चाहिए कि इसके लिए राज्य को विशेष पैकेज दे। पांच हजार करोड़ से ज्यादा शेष राशि जारी करे।

आजाद सिपाही संवाददाता रांची। पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन चल रहा है। इसने अर्थव्यवस्था को बेपटरी कर…

कोरोना पर काबू पाने को लेकर हेमंत सरकार सतर्क और सकारात्मक रुख अपनाये हुए है। राज्यस्तरीय कोरोना कंट्रोल रूम इस कड़ी में अहम भूमिका निभा रहा है। यहां 181 पर संपर्क करने के साथ ही समाधान भी निकाला जा रहा है। यह प्रक्रिया निरंतर 23 मार्च से चल रही है। अब तक 5581 शिकायतें दर्ज की गयीं, जिसमें 1929 शिकायतों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

जमशेदपुर : जमशेदपुर के साकची स्थित कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना के संक्रमण को कम करने के…

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार मजदूरों, गरीबों और बेसहारा लोगों पर पड़ रही है। इन लोगों के लिए दो वक्त का खाना भी दुर्भर  हो गया है। शहर में गरीबों की मदद के लिए देवदूत बनकर लोग आगे आ रहे हैं। सरकार भी मदद के लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है। गांव में भी हेमंत सरकार का फोकस शुरूआत से रहा है।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में गठित राहत निगरानी समिति (कोविड-19) ने रविवार को रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में लोगों की समस्याएं सुनी और निदान को लेकर आवश्यक पहल की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि राज्य की गिरती अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने की शुरूआत की गयी थी कि अचानक कोविड-19 महामारी से निबटने की चुनौती सामने आ गयी।