रांची। बाघमारा के दबंग भाजपा विधायक ढुल्लू महतो की विधायकी कानूनी पचड़े में फंस गयी है। उन्हें अदालत द्वारा एक…
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अच्छा रिसीवर वह होता है, जो कमजोर सिग्नल भी मजबूती से पकड़े और अच्छा मुख्यमंत्री वह होता है, जो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे। हेमंत सोरेन ने 23 दिसंबर को झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अपने हर कदम और बयानों से यह साबित किया कि वह झारखंड की जनता की उम्मीदों पर खरे हैं और नायक बनने की दक्षता, क्षमता और ऊर्जा उनमें कूट-कूट कर भरी हुई है। उन्हें झारखंडी मानस की आकांक्षाओं की जानकारी तो है ही, राज्य की समस्याओं की समझ भी है। नौकरशाही उनके नेतृत्व में कैसे काम करे, इसका संकेत वे दे चुके हैं और समन्वय और सहयोग की सरकार वह कैसे चलायेंगे इसका भी परिचय उन्होंने दे दिया है। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने और उनके नेतृत्व में झारखंड के कायाकल्प की उनकी कोशिशों को रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।
जमीन खरीदने के लिए रांची के एक बिल्डर के खाते से मोटी रकम का भुगतान आइपीएस अधिकारी के लिए किया गया
रांची। पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। इसमें अनुपूरक बजट और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद…
रांची। झारखंड विधानसभा ने बुधवार को नयी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा…
भारतीय राजनीति की शायद यह विडंबना रही है कि यहां राजनीतिक दल और नेता अक्सर किसी न किसी अदालती मामले में फंसते ही रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो भारत में राजनीति और अदालत का चोली-दामन का साथ है। वैसे भारत की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में न्यायपालिका पूरी तरह स्वतंत्र है और अदालती फैसलों पर टिप्पणी नहीं की जा सकती, लेकिन राजनीतिक मामलों में अक्सर अदालती फैसलों को परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है। साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाइकोर्ट का वह ऐतिहासिक फैसला इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिसने पूरे देश की राजनीति को न केवल प्रभावित किया, बल्कि इसे एक नयी दिशा भी दी। झारखंड इसका अपवाद नहीं है। बीते दो साल में राज्य के कम से कम पांच ऐसे मामले सामने आये हैं, जिन्होंने न केवल सूबे की राजनीति को प्रभावित किया, बल्कि उनकी व्यापक परीक्षा भी हुई। आज के विशेष में इन पांच मामलों पर एक नजर।
रांची। आजसू पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय सभा की बैठक रांची में हुई।…
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार का खजाना खाली है। सरकार काम करने के लिए ही 4210 करोड़…
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के रवींद्रनाथ महतो सर्वसम्मति से मंगलवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन…
रांची। झारखंड सरकार ने मंगलवार को अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4210 करोड़ रुपये की अनुपूरक बजट मांग पेश की। सबसे अधिक ग्रामीण विकास विभाग के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है। इसके बाद गृह और ऊर्जा विभाग के लिए बजट आवंटित है। अनुपूरक बजट पेश करने के बाद शोक प्रकाश हुआ। साथ ही विधानसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी। बुधवार को बजट पर वाद-विवाद के बाद इसे पारित कराया जायेगा।
झारखंड में पार्टी को ऐसे चेहरे की तलाश है, जो कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा भर सके