चुनाव के दौरान खेलगांव में हुई घटना ने पकड़ा तूल, सीआरपीएफ कमांडेंट ने भेजा लीगल नोटिस
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रांची। हेमंत सोरेन सरकार ने अप्रशिक्षित शिक्षकों और पारा शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग…
चुनाव से पहले पाला बदलनेवाले ज्यादातर नेता हुए रिजेक्ट
72 साल बाद किसी मुख्यमंत्री ने खरसावां के शहीदों के परिजनों के आंसू पोंछे
आइएएस-आइपीएस अधिकारियों की सूची हो रही है तैयार
रांची। भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले द्वारा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गये पत्र का मामला…
डीसी ने जारी किया आदेश
कहा जाता है कि जब आप बेहद गुस्से में हों या बहुत खुश हों, तो किसी से कोई वादा न करें। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में राजनेताओं के लिए यह बात सबसे जरूरी होती है। झारखंड में हेमंत सोरेन यह बात अच्छी तरह से आत्मसात कर चुके हैं। विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद हेमंत सोरेन ने जिस शालीनता का परिचय दिया है और हर रोज दे रहे हैं, वह सामान्य बात नहीं है। पिछले पांच साल से लगातार राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर रहे हेमंत के लिए धैर्य और हिम्मत बनाये रखना बेहद मुश्किल काम था, लेकिन उन्होंने कभी न खुद को और न ही अपनी पार्टी को भटकने दिया। इसी शालीनता से उन्हें देश की राजनीति के फलक पर लाकर खड़ा कर दिया है। पिछले एक सप्ताह के दौरान हेमंत सोरेन के इस बदलाव पर पेश है आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की खास रिपोर्ट।
स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी में संशोधन की समीक्षा करेंगे
2500 प्रति क्विंटल होगा धान का समर्थन मूल्य
राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दिलायी शपथ