भाजपा के मुख्य फोकस में आदिवासीझारखंड में इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है। खास कर सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव खास है, क्योंकि एक ओर उसे सत्ता में वापसी सुनिश्चित करनी है, तो दूसरी ओर रघुवर दास सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर लगानी है। पार्टी ने 65 प्लस का लक्ष्य तय किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कई टुकड़ों में बंटे विपक्ष के बावजूद यह लक्ष्य बहुत आसान नहीं है। अपने लक्ष्य को आसान बनाने के लिए भाजपा ने हर जतन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने अब यह भी साफ कर दिया है कि उसके मुख्य फोकस में 73 प्रतिशत गैर आदिवासी ही नहीं 27 प्रतिशत आदिवासी भी हैं। पार्टी ने राज्य कुछ बड़े आदिवासी चेहरों को अपने पाले में कर झारखंड की 27 प्रतिशत आबादी को यह संदेश दिया है कि भाजपा अब केवल 73 प्रतिशत गैर-आदिवासियों की ही पार्टी नहीं रही है। भाजपा की इस नयी रणनीति पर आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की रिपोर्ट।
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