आजाद सिपाही संवाददाता रांची। केंद्र सरकार की ओर से कोल ब्लॉक की नीलामी पर हेमंत सरकार के स्टैंड का सरयू…
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चतरा । अफीम तस्करों के बीच एक बार फिर राजपुर पुलिस को जबरदस्त सफलता मिली है। चतरा के आरक्षी अधीक्षक…
आजाद सिपाही संवाददाता रांची। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड को…
मेदिनीनगर, 21 जून (हि.स.)। हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के कई जगहों पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रविवार को योग…
रामगढ़। जे टेट परीक्षा पास अभ्यर्थी शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू कराने के लिए विधायक ममता देवी से मिले रविवार को…
आजाद सिपाही संवाददाता बोकारो। बोकारो के सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के ए शॉपिंग सेंटर के पास एक घर में गुड़िया…
आजाद सिपाही संवाददाता रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कमर्शियल माइनिंग के लिए कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू किये जाने का…
राज्यसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भाजपा व्यापारियों की जमात है। वे वस्तुओं की खरीद-बिक्री तो करते ही हैं, अब ये लोग चुनाव में भी खरीद-फरोख्त करने लगे हैं। इस विषय पर भी दलबदल कानून की तरह विधायक खरीद-फरोख्त विरोधी कानून बनना चाहिए। इस विषय
राज्य की तत्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2016 में राज्य स्थापना दिवस पर टी शर्ट और टॉफी बांटने से संबंधित पंकज कुमार की जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार व महालेखाकार झारखंड को जवाब दायर करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ
गिरिडीह पुलिस ने साइबर क्राइम रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने दासडीह के मुखिया और एक करोड़पति पवन मंडल समेत 11 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 26 मोबाइल, 33 सिम कार्ड, 19 एटीएम कार्ड, सात पासबुक, पांच फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड के साथ चार पेन ड्राइव भी बरामद किया है।
क्या आपने किसी ऐसे राज्य के बारे में सुना है, जहां की सरकारी मशीनरी केवल सलाहकारों और बाहरी एजेंसियों की नियुक्ति करती हो और उस राज्य की सफाई व्यवस्था से लेकर उद्योग और व्यापार तक की नीतियां कंसल्टेंट तय करते हों। यकीनन आपने ऐसा नहीं सुना होगा, लेकिन झारखंड में पिछले 20 साल में यही होता रहा। तमाम संसाधन और अधिकारियों-कर्मचारियों की फौज उपलब्ध रहने के बावजूद पिछले 20 साल में झारखंड सरकार ने अपना सारा काम बाहरी एजेंसियों और कंसल्टेंट कंपनियों को दे दिया। झारखंड पर यह शिकंजा इतना