पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम तथा सरायकेला-खरसावां और गोड्डा, साहेबगंज तथा पाकुड़ में होगी बारिश 21 मई को भी तूफान का…
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रांची। राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि उत्तरप्रदेश के ओरैया में झारखंड के 11 श्रमिकों की मौत के…
केंद्र अपने मार्फत लोन देता, तो कम ब्याज देना पड़ता रांची। मंत्री सह कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा…
छठी जेपीएससी की ओर से जारी रिजल्ट को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। जस्टिस राजेश कुमार की…
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के वायरॉलॉजी विभाग में एक साथ कोरोना वायरस का पोजिटिव रिजल्ट आया. इसमें जमशेदपुर का एक…
अन्य प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों का अपने राज्य आने का सिलसिला जारी है। ट्रकों में भरकर मजदूर महाराष्ट्र से बंगाल की ओर आ रहे हैं। इसी दौरान पश्चिम बंगाल के हावड़ा से टाटा मैजिक पर सवार होकर लोग जमुई (बिहार) की ओर जाते दिखे।
हंसडीहा थाना क्षेत्र के पैराडीह गांव में तालाब में डूबने से 8 और 10 वर्ष के दो बच्चों की मौत हो गयी है। ग्रामीणों ने शव को निकाल लिया है। पांच बच्चे गये थे तालाब में नहाने, उनमें से दो गहरे पानी में डूबने से मौत हो गयी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस से समन्वय स्थापित कर इटावा में घायल पड़ी सोनोति सोरेन के परिवार को सुरक्षित झारखंड लाएं।
केंद्र सरकार ने कुछ छूट के साथ 31 मई तक लॉकडाउन की अवधी बढ़ा दी है। पर झारखंड में अभी फैसला नहीं हुआ है और लॉकडाउन फेज 3 की तरह की स्थितियां हैं। पर सोमवार को अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही लोगों की सड़कों पर चहलकदमी देखने को मिली
रांची. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 31 मई तक भले ही बढ़ा दिया है, लेकिन सख्त पाबंदियां सिर्फ कंटेनमेंट जाेन तक…
कोरोना के खिलाफ जंग और पौने दो महीने के लॉकडाउन के दौरान कई बातें हुईं, बहसें हुईं, आरोप-प्रत्यारोप भी खूब लगे और काम भी हुए। लेकिन इस कोलाहल के बीच जमाने के सामने दर्जनों ऐसी तस्वीरें आयीं, जिन्हें देख कर मन कचोटने लगा और भीतर से कहीं हूक सी उठी, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं बदल रहा। ये तस्वीरें हैं देश के विभिन्न हिस्सों से घर लौट रहे प्रवासियों के बच्चों की। कोई अपनी मां के कंधे पर ऊंघता नजर आ रहा, तो कोई भूख से बिलबिलाता दिख रहा। फूल से बच्चे चिलचिलाती धूप और संक्रमण के खतरों से भरे माहौल में अपने मां-बाप के दुख-दर्द के साक्षी बनते दिख रहे। कोई बच्चा चलते-चलते सूटकेस पर सो रहा, तो कोई बच्चा अपने पिता की मदद के लिए ठेला खींचता दिख रहा।