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चो..टा गिरी भाजपा के खून का हिस्सा है। जेपी नड्डा को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने अपनी कमेटी में अमर्यादित भाषा बोलनेवालों को शामिल किया है। मंगलवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में ये बातें झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं। उन्होंने कहा कि एक झारखंडी झारखंड में राज कर रहा है, तो कुछ लोगों की छाती पर सांप लोट रहा है। इस उपचुनाव में जिस प्रकार की भाषा का उपयोग भाजपा कर रही है, वह भाषा न तो सभ्य समाज में बोली जाती है न सुनी

झारखंड की उप राजधानी दुमका और कोयला क्षेत्र की प्रमुख सीट बेरमो में तीन नवंबर को होनेवाले विधानसभा उप चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर है। इन दोनों सीटों पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस और भाजपा के बीच है। कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव में प्रचार का तरीका भी बदल गया है। हालांकि राजनीतिक सभाओं की अनुमति दी गयी है, लेकि

019 में झारखंड विधानसभा का चुनाव होने के बाद दुमका से जीते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सीट छोड़ने के कारण उपचुनाव तीन नवंबर को होगा। इस उपचुनाव में कई दिलचस्प बातें सामने आ रही हैं, क्योंकि कई मायने में यह उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। एक बार झामुमो का किला भेदनेवाली भाजपा दोबारा इस किले पर राज करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। दुमका से सांसद रह चुके और प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी इस किले को हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्टÑीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने यहां का मोर्चा संभाला था। क्योंकि दशकों

गुंडों और अपराधियों में पुलिस का खौफ होना चाहिए। जो भी गड़बड़ी करेंगे वे पूरी ताकत से कुचले जायेंगे। किसी भी परिस्थिति में कानून व्यवस्था से खेलनेवालों को बख्शा नहीं जायेगा। उक्त बातें सोमवार को जिला के पुलिस पदाधिकारियों के साथ पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक करने धनबाद पहुंचे झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने सर्किट हाउस में

बिहार की राजनीति को नजदीक से जानने-समझनेवालों ने आसन्न विधानसभा चुनाव के परिदृश्य में जिस एक नेता को सबसे चौंकानेवाला माना है, वह हैं लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान। पिछले साल लोकसभा के चुनाव के दौरान उन्होंने अपने पिता और बिहार की दलित राजनीति के कद्दावर नेता रामविलास पासवान के साथ मिल कर जो राजनीतिक सौैदेबाजी की, उससे उनके रणनीतिक कौशल का अंदाजा मिल गया था, लेकिन अब बिहार विधानसभा चुनाव में उनके फैसलों से

दिशोम गुरु शिबू सोरेन जिस महाजनी प्रथा के खिलाफ लड़ कर झारखंड की शीर्षस्थ राजनीतिक हस्ती बने, उसी प्रथा के साथ केंद्र सरकार के उपक्रम दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) झारखंड को आंखें दिखा रहा है। यह तब हो रहा है, जब डीवीसी सारा संसाधन, यानी जमीन, पानी और कोयला झारखंड का इस्तेमाल करता है। इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि जिस झार

विपक्षी दलों के नेता हमारे बुजुर्गों पर अक्षम होने का आरोप लगा रहे हैं। हम पूर्वजों का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में रविवार को जनसंपर्क अभियान के दौरान ये बातें महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल उर्फ अनुप सिंह ने कहीं। श्री सिंह ने क्षेत्र के युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि क्षेत्र के नागरिकों ने 6 बार राजेंद्र बाबू को अपना प्रतिनिधि चुना

घाघरा थाना क्षेत्र के लुदगो गांव के जोड़ा बर के समीप गांव के ही 19 वर्षीय युवती पुशु कुमारी की दुष्कर्म कर टांगी पत्थर से सिर में वार कर हत्या कर दी गयी। हत्या की सूचना पाकर घाघरा पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला भेज दिया है। घटना के संबंध में मृतक के पिता दीनू महतो ने बताया कि उसकी बेटी का गांव के ही एक लड़का 20 वर्षीय बसंत महतो से तीन वर्ष से प्रेम-प्रसंग था।

राज्य सरकार महिला विरोधी नीति अख्तियार किये हुए है। पूर्व की भाजपा सरकार ने उज्ज्वला योजना, उज्ज्वला दीदी तथा महिलाओं के लिए 50 लाख तक की संपत्ति एक रुपये में रजिस्ट्री जैसी योजनाएं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की थी। लेकिन राज्य सरकार ने इनमें से कई योजनाओं को बंद कर दिया है।

झारखंड पिछले तीन दिन से गंभीर संकट में फंस गया है। यह संकट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उसके खाते से 1417.50 करोड़ रुपये काट लेने के कारण पैदा हुआ है। केंद्र सरकार के निर्देश पर की गयी इस एकतरफा कार्रवाई से झारखंड ही नहीं, देश के दूसरे राज्य भी सकते में हैं, क्योंकि इस कार्रवाई ने गलत परंपरा की नींव डाल दी है। देश की आजादी के बाद यह दूसरा मौका है, जब किसी राज्य के खाते से बिना उसकी जानकारी के रकम काट ली गयी है। यह रकम डीवीसी के बकाये की पहली कि

आपका आजाद सिपाही पांच साल का हो गया। पांच साल, यानी एक हजार आठ सौ सत्ताइस दिन। यह आजाद सिपाही का नहीं, आपके भरोसे की सालगिरह है। इसलिए आज दीन-दुनिया से अलग हट कर केवल इसकी ही बात होगी। आज हम राजनीति, अपराध, बिजनेस, खेलकूद और सामाजिक क्षेत्र की खबरों की नहीं, अपने पांच साल के सफर पर बात करेंगे कि कहां से हमने आपके भरोसे की पूंजी के साथ यह सफर शुरू किया था