Browsing: स्पेशल रिपोर्ट

आज से ठीक दो महीने पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग की शुरुआत करते हुए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, पूरा देश उनके साथ खड़ा था। कश्मीर से कन्याकुमारी तक और कच्छ से अरुणाचल प्रदेश तक हर राज्य की सरकारोें ने तमाम राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को किनारे रख कर इस वैश्विक महामारी को हराने के लिए एकजुटता दिखायी और इस कारण आज भारत इस जंग में जीत के मुहाने पर खड़ा है।

कोरोना संकट के कारण पिछले 57 दिन से लॉकडाउन में चल रहे भारत में यदि आज की दो बड़ी समस्याओं के बारे में पूछा जाये, तो लोग महामारी के बाद प्रवासी मजदूरों की तकलीफों का ही नाम लेंगे, लेकिन शायद ही किसी ने उन मजदूरों की समस्या की तरफ ध्यान दिया है, जो अपने ही राज्य के दूसरे जिलों में या तो फंस गये हैं या अपने गांव लौटे हैं। इन्हें न तो कोई विशेष सहायता मिली है और न ही इनकी तकलीफों का किसी को आभास है।

आज से करीब सवा दो सौ साल पहले 1781 में जब गवर्नर जनरल लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारत में पुलिस प्रणाली की स्थापना की थी, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि दुनिया भर में चर्चित उनका यह प्रयोग खुद की वर्दी पर बदनामी के इतने दाग लगा लेगा। भारत में आम जनता के बीच पुलिस की छवि एक ऐसी खौफनाक संगठन की बनती जा रही है, जो आम लोगों की दोस्त नहीं, शोषक है।

संक्रमण काल के बाद झारखंड में शुरू होगा नया अध्याय  शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए शुरू होगी नयी योजना…