Browsing: Top Story

पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है. 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु रामेश्वरम में…

हाथरस पीड़िता के परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज करने और घटनास्थल पर सीन को रीक्रिएट करने के बाद बुधवार…

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के तेवर बुधवार को कड़े थे। उन्होंने केंद्र पर जमकर भड़ास निकाली। सीएम ने सीधा आरोप लगाया कि केंद्र झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। डीवीसी के बकाये का भुगतान सीधे करने का आदेश दे दिया। यह स्थिति पूर्व की सरकार के कारण उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि अब झारखंड केंद्र के भरोसे नहीं रहेगा। हम केंद्र के मोहताज नहीं हैं। अपने

तेनुघाट स्थित बेरमो अनुमंडल कार्यालय में बुधवार को भारी गहमा-गहमी रही। तीन नवंबर को होनेवाले उप चुनाव के लिए महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कुमार जयमंगल उर्फ अनुप सिंह ने और एनडीए समर्थित भाजपा के प्रत्याशी योगेश्वर बाटुल ने नामांकन दाखिल किया। दोनों नेताओं ने निर्वाची पदाधिकारी को अपना नामांकन सौंपा। दोनों के नामांकन को लेकर यहां यूपीए और एनडीए के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा।

कांडी थाना से कुछ ही दूरी पर एक निर्माणाधीन मकान की शौचालय टंकी की शटरिंग खोलने अंदर गये चार मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गयी। मृतकों में से तीन एक ही परिवार के पिता और दो पुत्र शामिल हैं। सभी मृतक डुमरसोता गांव के थे। उनकी पहचान मिथिलेश मेहता (40), अनिल मेहता (35), नागेंद्र मेहता (18) और प्रवीण मेहता (19) के रूप में की गयी

झारखंड हाइकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा बनायी गयी नियोजन नीति को गलत करार देते हुए उसके आधार पर 13 जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया गया था। नियुक्त लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस

कभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और अब लोकतांत्रिक जनता दल के कर्ताधर्ता शरद यादव की बेटी सुभाषिनी राज राव और लोक जनशक्ति पार्टी के महासचिव काली प्रसाद पांडेय बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गये। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उनकी ज्वाइनिंग हुई। सुभाषिनी बिहार के मधेपुरा जिले की बिहारीगंज सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं

दुमका के दंगल में उतर कर डॉ लुइस मरांडी ने जिस जोश और उत्साह का मुजाहिरा किया है, वह यह साबित करने के लिए काफी है कि वह यह चुनाव किसी अंडरडॉग की तरह लड़नेवाली नहीं हैं। लेकिन वह जानती हैं कि दुमका का उप चुनाव उनके चार दशक लंबे राजनीतिक कैरियर का संभवत: सबसे कठिन चुनाव साबित होनेवाला है, क्योंकि इस बार उनका मुकाबला एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी से है, जिस पर वार करने के लिए उनके तरकश में बहुत अधिक तीर नहीं है। शायद इसलिए उन्होंने नामांक

 टाटा संस की इकाई टाटा पावर ने बुधवार को कहा कि उसे गुजरात उर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) से गुजरात…