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 विवादित ढांचा विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के फैसले का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के…

भारत ने​ बुधवार को विस्तारित रेंज ​​​​​​ब्रह्मोस ​​सुपरसोनिक ​​क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो 400 किमी से अधिक दूरी…

हाथरस की दलित बिटिया के साथ जो हुआ उससे ज्यादा भयानक, खौफनाक और हैवानियत भरा कुछ नहीं हो सकता. इस बेहद मुश्किल घड़ी में जरूरत थी परिवारवालों के कभी ना भरने वाले जख्म पर मरहम लगाने की, लेकिन यूपी पुलिस ने ऐसा बर्ताव कर दिया जो अपार पीड़ा झेल रहे घरवालों के जख्मों पर नमक लगा गया. पुलिस ने अपनी मर्जी से हैवानियत की शिकार लड़की

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में अब कोई भी महिला सड़क पर हड़िया-दारु बेचती नहीं दिखे, यह राज्य सरकार का संकल्प है। कोई भी महिला हड़िया-दारु बनाने और बेचने का कार्य मजबूरी में ही करती हैं। हड़िया-दारु बनाने और बेचने वाली महिलाओं को अब आजीविका से जोड़कर तथा हरसंभव मदद कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम सरकार करेगी।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सह बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस मंगलवार को अचानक रजरप्पा स्थित बोरिया बाबा के आश्रम में पहुंचे। देवेंद्र फडणवीस ने यहां बोरिया बाबा आश्रम में बोरिया बाबा उर्फ हरेराम आचार्य से बंद कमरे में बातचीत और पूजा भी की। इस दौरान मौके पर झारखंड के भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बिंदुभूषण दुबे भी मौजूद रहे

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार किसानों का दो हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ करेगी। इससे 25 हजार तक का कर्ज लेनेवाले किसानों को तत्काल लाभ मिलेगा। वर्तमान में गठबंधन सरकार चुनावी घोषणापत्र में किसानों की लोन माफी को लेकर किये गये वादों को पूरा करने का काम करेगी। वहीं नियोजन नीति पर हा

तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि मैं न एनडीए में जा रहा हूं और न महागठबंधन में रहूंगा। राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में इतनी ताकत नहीं है कि वह बिहार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुक्ति दिला सके। इसके चलते हमने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। हम बिहार को नया और बेहतर विकल्प देने जा रहे हैं।

झारखंड की दो विधानसभा सीटों के लिए होनेवाले उप चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गयी है। दुमका और बेरमो में तीन नवंबर को मतदान होगा। दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में होनेवाला यह पहला उप चुनाव है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन दोनों सीटों पर कब्जे के लिए सियासी रणनीतियां बनायी जाने लगी हैं। यह मुकाबला बेहद कांटे का होगा, क्योंकि सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस जहां इन दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी, वहीं भाजपा विधानसभा चुनाव में हुई करारी पराजय का बदला लेने की हरसंभव कोशिश करेगी। सीटों पर कब्जे के साथ सत्ताधारी गठबंधन के लिए एक और चुनौती इस उप चुनाव में है और वह यह कि इन दोनों सीटों के परिणाम राज्य सरकार के नौ महीने के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी होगा। जहां तक प्रत्याशियों का सवाल है, तो सत्तारूढ़ गठबंधन में कोई व्यवधान नहीं है, उसने दुम