धनबाद। बहुचर्चित नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में आरोपितों की सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है-निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई उचित कारण नहीं बनता। इस फैसले के बाद आरोपियों को तगड़ा झटका लगा है। अब उन्हें सेशन कोर्ट के फैसले का इंतजार करना पड़ेगा।
21 मार्च 2017 को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। इस मामले में झरिया के विधायक संजीव सिंह समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग आरोपित किए गए हैं और जेल में कैद हैं। 5 नवंबर 2018 को हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद नामजद अभियुक्त हाईकोर्ट जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, संजय सिंह और धनंजय सिंह उर्फ धनजी की बेल याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जनैंद्र सिंह ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लिव पीटिशन (एसएलपी) दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एमआर साह ने पिछले दिनों एसएलपी की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा-निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई उचित कारण नहीं बनता। इसलिए एसएलपी खारिज की जाती है। इस फैसले के बाद एक बार फिर आरोपित सेशन कोर्ट की शरण में आ गए हैं। अभियुक्तों के खिलाफ आरोप गठित हो चुका है। अब ट्रायल शुरू होगा।