गुमला। चैनपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान थलसेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने परमवीर अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया। बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने 18 वीरांगनाओं और चार दिव्यांगों को सम्मानित किया। इससे पहले सांस्कृतिक नृत्य के जरिए रावत का स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना भी मंच पर मौजूद थीं। रावत ने इस दौरान अलबर्ट एक्का की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया। दोपहर करीब एक बजे वे रांची के लिए रवाना हो गये।
बलमदीना एक्का को दिया धन्यवाद
बिपिन रावत ने परमवीर अलबर्ट एक्का की पत्नी को धन्यवाद दिया। इससे पहले वे चैनपुर के अलबर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज में बने हेलीपैड पर पहुंचे। इस दौरान उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी मौजूद रही। यहां से वे सीधे कार्यक्रम स्थल की ओर रवाना हो गये। कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में शहीदों के परिजन मौजूद रहे। थल सेना अध्यक्ष ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान शहीदों के परिजनों ने कहा कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई और उनके बेहतर भविष्य के लिए रावत से बातचीत करेंगे।
कौन हैं शहीद परमवीर अलबर्ट एक्का
1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच जंग के दौरान झारखंड के वीर सपूत लांस नायक अलबर्ट एक्का शहीद हो गये थे। जंग के दौरान परमवीर अलबर्ट एक्का ने डेविड एक्का, जोसेफ टोप्पो सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। झारखंड के तीनों वीर जवान उस युद्ध में शहीद हो गये थे। जंग में वीरता का परिचय देने के लिए अलबर्ट एक्का को मरणोपरांत सर्वोच्च सेना सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। अलबर्ट एक्का का अंतिम संस्कार अगरतला में किया गया था। वहीं उनकी समाधि स्थल बनायी गयी थी। 16 जनवरी 2016 को 44 साल बाद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का ने खुद अगरतला पहुंची थी। उनकी समाधि स्थल की मिट्टी लेकर झारखंड आई थी।
चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात, चेकिंग तेज
सेना प्रमुख के आगमन को लेकर चैनपुर में चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात किया गया है। चौक-चौराहों पर बैरिकेडिंग लगाकर हर आने जाने वालों की चेकिंग की जा रही है। सेना प्रमुख का मुख्य कार्यक्रम स्थल अल्बर्ट एक्का चौक एवं बरवे मैदान है। जहां सेना के जवानों एवं स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पूरी तरह सजाया गया है।