रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर शिक्षा मंत्री नीरा यादव की अध्यक्षता में गठित हाईलेवल कमेटी के साथ पारा शिक्षकों की वार्ता विफल रही। शिक्षा मंत्री के कार्यालय कक्ष में लगभग दो घंटे तक चली वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकल सका। एक तरफ पारा शिक्षक जहां स्थायीकरण से कम में तैयार नहीं हैं वहीं शिक्षा मंत्री ने यह कहा कि पारा शिक्षक पहले हड़ताल तोड़ें तब उनकी बातों पर विचार होगा।
वार्ता में पारा शिक्षकों ने अपनी मांगों को एक बार फिर जोरदार तरीके से रखा। बता दें कि गुरुवार को ही मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पारा शिक्षकों की मांग को देखते हुए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन शिक्षा मंत्री नीरा यादव के नेतृत्व में किया था, जिसमें विकास आयुक्त डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह सहित कई अधिकारी को रखा गया है। शुक्रवार को हुई वार्ता इसी उच्चस्तरीय कमेटी और पारा शिक्षकों के अष्टमंडल टीम के साथ हुई। वार्ता के बाद पारा शिक्षकों ने कहा कि सकारात्मक माहौल में बात हुई है।
कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है मगर समझौता नहीं हो सका। मिनिमम 15000 मानदेय की पारा शिक्षकों ने मांग की है। जबतक नियमावली नहीं बन जाती तबतक कम से कम 15 हजार और अधिकतम 20 हजार रुपये मानदेय की लिखित घोषणा सरकार करे। साथ ही मृतक पारा शिक्षकों को 10 लाख मुआवजा का आफर सरकार को देकर पारा शिक्षक बाहर निकल गए हैं। वार्ता के बाद पारा शिक्षकों ने कहा कि मांगे पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगा। शुक्रवार को हुई वार्ता में जो बातें आयी है, उन बातों को हाई पावर कमिटी मुख्यमंत्री तक पहुंचाएगी। उसके बाद पारा शिक्षकों के साथ अगली वार्ता जल्द ही होगी।
वहीं, शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा कि वार्ता विफल रही। बिना हड़ताल तोड़े पारा शिक्षक मुख्यमंत्री से नहीं मिल सकते। नीरा यादव ने कहा कि नियमावली बनेगी, तब वेतनमान लागू होगा। नीरा यादव ने कहा कि हठधर्मिता का कोई उपाय नहीं है।
प्रोजेक्टट भवन में हुई इस वार्ता में शिक्षा मंत्री के अलावा अपर मुख्य सचिव वित्त सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त डीके तिवारी, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह, माध्यमिक शिक्षा निदेशक उमाशंकर सिंह मौजूद थे। वहीं, पारा शिक्षकों की ओर से संजय कुमार दुबे, बजरंग प्रसाद, दशरथ ठाकुर के अलावा अन्य लोग शामिल थे।