झारखंड की नयी सरकार की कमान हेमंत सोरेन के हाथ में है। हेमंत सोरेन युवा नेता हैं। उनकी सोच राज्य के विकास के लिए अन्य नेताओं से थोड़ी अलग है। उनमें काम करने का जज्बा है। वह अपना एक-एक मिनट झारखड और झारखंडवासियों के लिए दे रहे हैं। सीएम चाहते हैं कि वह सभी विवादास्पद मुद्दे जो समय-समय पर उठे हैं, उन पर विचार किया जाये और जरूरत के अनुसार जनहित में बदलाव भी। चाहे वह स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट, भूमि अधिग्रहण बिल, धर्मांतरण बिल, घुसपैठियों का मुद्दा या किसानों की ऋण माफी इन सबों के प्रति हेमंत चिंतित हैं। सीएम और उनकी सरकार जल्द ही इन विवादित मुद्दों पर बड़ा फैसला लेगी। नया साल झारखंड के लिए बड़े बदलाव का होगा। नये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पूरा फोकस इस बात पर है कि कर्ज के बोझ तले दबे झारखंड का कोई किसान आत्महत्या करने पर विवश न हो। कई मुद्दों पर उनसे आजाद सिपाही के राज्य समन्वय संपादक अजय शर्मा ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल: आपने चुनाव में किसानों की ऋण माफी का वादा किया था।
जवाब: सरकार इस पर जल्द फैसला लेगी। हमारी सरकार का पूरा फोकस इस बात पर होगा कि झारखंड का कोई भी किसान कर्ज के बोझ तले दब कर विवशता में आत्महत्या न करे। हमारी सरकार पूरा ध्यान रखेगी कि किसानों के सामने ऐसी नौबत नहीं आयी। उनकी सरकार जल्द ही किसान हित में कई बड़े फैसले लेगी। कर्ज में डूबे किसानों का ऋण भी माफ किया जायेगा। सीएम ने कहा कि यह कितना दुखद है कि जो किसान हमारा अन्नदाता है। जिसके अनाज से हम जिंदा है, वह चंद पैसों के कर्ज में दब कर आत्महत्या जैसा कठोर निर्णय लेता रहा है। उन्होंने कहा कि इससे दुखद भला क्या होगा।

सवाल: रघुवर सरकार की स्थानीय नीति का आपकी पार्टी विरोध करती रही है। इसमें आपकी सरकार बदलाव करेगी क्या?
जवाब: वैसे सभी मामले, जो झारखंडवासियों के हित में नहीं हैं, उनकी समीक्षा होगी और नियमानुसार जनहित में उसमें बदलाव किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी नियम तभी सार्थक होता है, जिसे जनता सहज स्वीकार करे। जो जनता के हित को ध्यान में रख कर बनाया गया हो। उस नियम का क्या लाभ, जिससे आम झारखंडी परेशान हो।

सवाल: किन-किन मुद्दों को आपकी सरकार विवादास्पद मानती है?
जवाब: झारखंड में जारी धर्मांतरण बिल, स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन, भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन आदि मामले लोगों ने पसंद नहीं किये। इनके खिलाफ आज भी लोगों के दिलों में आक्रोश है। इन मामलों की समीक्षा होगी और जरूरत पड़ने पर जनहित में बदलाव किया जायेगा।

सवाल: राज्य का खजाना खाली है, सरकार क्या करेगी?
जवाब: जल्द ही सरकार इस मामले में श्वेत पत्र जारी करने जा रही है। इससे सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा। वित्तीय स्थिति पर ही श्वेत पत्र जारी किया जायेगा। श्वेत पत्र से जनता को पता चला जायेगा कि किस तरह राज्य के खजाने के साथ खिलवाड़ हुआ है।

सवाल: आपकी कैबिनेट का विस्तार कब तक होगा?
जवाब: विधानसभा सत्र के बाद कैबिनेट का विस्तार किया जायेगा।

सवाल: सरकार आगे कौन-कौन से बड़े और कड़े फैसले लेनेवाली है?
जवाब: कोई भी वैसा फैसला, जो राज्य हित में होगा, उसे लेने से यह सरकार नहीं हिचकेगी। हमें राज्य की जनता के लिए काम करना है। जनता की जो उम्मीद है, उसे पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। आखिर जनता ही तो हमारी मालिक है। उसी ने तो हमें चुना है। हमें उसी के अनुरूप काम करना है।

सवाल: शपथ ग्रहण में भारी भीड़ उमड़ी, क्या कहेंगे?
जवाब: वह भीड़ स्वत:स्फूर्त थी। कोई भाड़े की भीड़ नहीं थी। लोगों की उम्मीदें बहुत बढ़ी हैं। अब उन उम्मीदों को पूरा करना है। मोरहाबादी में आयी हजारों की भीड़ ने हमारी जिम्मेदारी बढ़ा दी है। मेरा एक-एक मिनट और एक-एक कतरा झारखंड के लिए है। जो जिम्मेदारी दी गयी है, उसका निर्वहन पूरी ईमानदारी से करूंगा।

सवाल: लोगों की उम्मीदों पर कैसे खरा उतरेंगे?
जवाब: सरकार राज्य हित में ही काम करेगी। लोग जो सवाल लेकर आ रहे हैं, उन्हें पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है। लोगों की आंखों में बंधी आस को पूरा करना और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही मेरी प्राथमिकता है। लोगों का एजेंडा ही मेरा एजेंडा है। मेरा खुद का कोई एजेंडा नहीं है।

सवाल: पत्थलगड़ी से संबंधित मुकदमों को वापस लेना बड़ा फैसला रहा?
जवाब: पत्थलगड़ी का मामला राष्टद्रोह जैसा नहीं है। बेवजह इसे तूल दिया गया। आदिवासियों की सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी है पत्थलगड़ी। निर्दोष आदिवासियों पर मामले दर्ज किये गये। निर्दोष युवाओं को पुलिस परेशान कर रही थी। इस तरह के मामले को तो सरकार को वापस लेना ही चाहिए।

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