-प्रचार थमा, मतदान कल, दो मार्च को आयेंगे नतीजे
-18 प्रत्याशी चुनाव मैंदान में हैं
-महागठबंधन और एनडीए प्रत्याशी के बीच मुकाबला
-3.34 लाख मतदाता दिखायेंगे अपनी ताकत
प्रशांत झा
रांची/रामगढ़। रामगढ़ उपचुनाव के लिए शनिवार को प्रचार थम गया। सोमवार 27 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। विधानसभा क्षेत्र में 3.34 लाख मतदाता हैं। चुनावी मैदान में 18 प्रत्याशी हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस के बजरंग महतो और आजसू की सुनीता चौधरी के बीच है, लेकिन दरअसल यह महागठबंधन और एनडीए का मुकाबला है। यह सत्ता पक्ष और विपक्ष की लड़ाई भी है। जिसकी झलक चुनाव प्रचार के दौरान देखने को मिल चुकी है। दोनों तरफ के दिग्गज नेताओं ने प्रचार में पसीना बहाया। अब गेंद मतदाताओं के पाले में है। वह अपनी ताकत दिखायेंगे। मतदाता सत्ता पक्ष के साथ गये या विपक्ष के साथ, इस पर से पर्दा 2 मार्च को उठेगा। क्योंकि मतगणना दो मार्च को होगी। इतना तय है कि रामगढ़ उपचुनाव के नतीजे एक नयी पटकथा लिखने के लिए तैयार है।

पिछले तीन साल में 5वां उपचुनाव:
पिछले तीन साल के दौरान यह पांचवां उपचुनाव झारखंड में पिछले तीन साल के दौरान पांचवां उपचुनाव होनेवाला है। 2020 के बाद अब तक हुए चार उपचुनावों में सत्तारूढ़ महागठबंधन को जीत मिली है। खाली हुईं चारों सीटें 2019 के विधानसभा चुनाव में जिनके खाते में थीं, उपचुनाव में ये सीटें उनके ही खाते में गयी। रामगढ़ की विधायक रहीं ममता देवी को गोला गोलीकांड में अदालत ने दोषी ठहराया। जिस वजह से वह सजायाफ्ता हो गयीं। नतीजतन ममता देवी की विधायकी चली गयी और यहां उपचुनाव हो रहा है। सीट बचाने और छीनने को लेकर दोनों तरफ से पूरी ताकत झोंकी गयी है।

मुख्यमंत्री समेत सत्ता पक्ष के सभी ने लगायी ताकत:
चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कांग्रेस, झामुमो और राजद के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। सभी लगातार कैंप किये हुए थे। मुख्यमंत्री ने चार-पांच सभा को संबोधित किया, तो रोड-शो के जरिए भी मतदाताओं को संदेश देने का प्रयास किया। विपक्ष पर निशाना साधा तो तीन साल की सरकार की उपलब्धियों को गिनाने से भी नहीं चूके। मुख्यमंत्री के मत्रिमंडल के साथी और विधायकों की टोली भी चुनाव प्रचार में साथ निभाया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर हों या प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय या फिर पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय और अन्य नेतागण सभी ने लगातार कैंप किया।

विपक्ष के तीन पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में उतरे:
विपक्ष की ओर से तीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और रघुवर दास भी मतदाताओं को रिझाने, समझाने और मनाने के लिए मैदान में उतरे। तीनों ने एक ही दिन में अलग-अलग इलाके से सरकार को घेरा। सांसद चंद्रप्रकाश चोधरी लगातार प्रचार में लगे थे। आजसू प्रमुख सुदेश महतो हों या भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश सभी मैदान में थे। भाजपा और आजसू के वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, वर्तमान सांसद, पूर्व सांसद सभी ने जीत सुनिश्चत करने के लिए ताकत झोंकी है। प्चार खत्म होते-होते आजसू प्रमुख सुदेश ने जोरदार रोड-शो कर मतादाताओं को पक्ष में का प्रयास किया।

405 केंद्र पर 3.40 लाख मतदाता डालेंगे वोट:
सोमवार यानी 27 फरवरी को उपचुनाव के लिए वोट डाले जायेंगे। प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। इवीएम तैयार हो गये हैं। मतदान के लिए 405 केंद बनाये गये हैं। रविवार से चुनाव कराने के लिए प्रतिनियुक्त अधिकारी व कर्मी इवीएम व अन्य सामान बांटना शुरू हो जायेगा। चुनाव मैदान में 18 उम्मीदवार हैं। रामगढ़ विधानसभा में कुल 3,34,167 मतदाता हैं, जिनमें से 1,72,923 पुरुष एवं 1,61,244 महिला हैं। मतदान का समय सुह 7 बजे से शाम 5 बजे तक है। अब ये सभी रामगढ़ की नयी पटकथा लिखेंगे।

एक साथ कई संदेश देगा उपचुनाव का नतीजा:
एक छोटा सा उपचुनाव कितना महत्वपूर्ण बन गया है, इसका अंदाजा सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के प्रचार मैदान में उतरने और तेवर देख कर ही अंदाजा लगया जा सकता है। दरअसल यह 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव की तैयारी के आकलन का मामला है। रामगढ़ उपचुनाव का नतीजा 2 मार्च को सामने आयेगा। यह एक साथ कई संदेश देगा। जनता किसके साथ गयी, यह देखना दिलचस्प होगा। सत्तारूढ़ महागठबंधन के बीच सियासी एकता कितनी मजबूत है। यह आंका जा सकेगा। साथ ही सरकार के कामकाज को जनता ने कितना सराहा यह भी दिखेगा। एनडीए गठबंधन का भी ताकत दिखेगा। भाजपा अपने मतदाताओं का कितना वोट शिफ्ट करा पायी यह भी पता चलेगा। कुल मिलाकर सत्तारूढ़ महागठबंधन और मजबूत होगा या विपक्षी एनडीए गठबंधन मजबूत बनकर उभरेगा, यह स्पष्ठ हो जायेगा।

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