-वीरेंद्र राम ने लिए एक दर्जन नेताओं और अधिकारियों के नाम
-इडी ने एसीबी और कार्मिक को लिखा पत्र
-अब तक हुई कार्रवाई की मांगी जानकारी
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। रिमांड पर चल चल रहे ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से प्रवर्तन निदेश्खाालय (इडी) की पूछताछ दूसरे दिन भी जारी रही। इडी के अधिकारियों ने शनिवार को जब उनसे पूछा कि टेंडर मैनेज करने के खेल में कौन-कौन लोग शामिल है, तो उन्होंने एक-एक कर सारी जानकारी दे दी। यह भी बता दिया है कमीशन का पैसा किन-किन सीनियर अधिकारियों और बड़े नेताओं को पहुंचाया जाता था। अभियंता के बयान के बाद कई अधिकारी और नेता अब इडी के रडार पर हैं। उधर, इडी ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और कार्मिक विब्भाग को पत्र लिख कर वीरेंद्र राम के खिलाफ अब तक की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी है।

सबूत देख रो पड़े वीरेंद्र राम, उगल दिया राज:
छापमारी के समय से लेकर अब तक वीरेंद्र राम इडी अधिकारियों को कुछ बताने में हिचक रहे थे। सूत्रों के मुताबिक इडी के अधिकारियों ने शनिवार को उन्हें जब कमीशनखोरी का सबूत दिखाया, तो वह टूट गये। वीरेंद्र राम ने रोते हुए ना सिर्फ आरोपों को स्वीकार किया, बल्कि राज्य के कई वीआइपी लोगों और उच्चाधिकारियों का नाम भी बता दिया। उन्होंने यह भी बताया कि किन-किन लोगों तक कमीशन का हिस्सा पहुंचता था और किनके जिनके संरक्षण में उसने अकूत संपत्ति जमा की। वीरेंद्र राम का अबी तीन दिन रिमांड बचा है। इडी उनके बयानों को पुष्ट करने और सबूत जमा करने में जुटी है। इसके बाद कई अन्य लोगों पर भी दबिश बढ़ने की उम्मीद है।

एसीबी और कार्मिक को लिखा पत्र:
इडी ने एसीबी को पत्र लिखकर पूछा है कि अब तक वीरेंद्र राम के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कितनी बार सरकार को पत्र भेजा गया था। सरकार को भेजे गये पत्र में एसीबी ने क्या अनुशंसा की थी। इडी ने इसकी छायाप्रति उपलब्ध कराने के लिए कहा है। साथ ही इडी ने कार्मिक विभाग को अलग से पत्र लिखा है। कार्मिक विभाग से जानकारी मांगी है कि वीरेंद्र राम द्वारा आयकर रिटर्न या संपत्ति का ब्यौरा दिया गया है या नहीं। अगर उन्होंने ऐसा कुच दिया है तो उसकी कॉपी इडी को उपलब्ध करायी जाए।

वीरेंद्र राम कस्टडी में, रद्द होने लगे टेंडर:
चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के इडी कस्टडी में जाते ही ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर रद्द होने लगे हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में पुल,िपुलिया, सड़क आदि का काम फिलहाल लटकता हुआ नजर आ रहा है। पीएमएलए कोर्ट ने 23 फरवरी को वीरेंद्र को पांच दिनों के लिए रिमांड पर भेजा है। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने शनिवार को एक दर्जन से अधिक टेंडरों को रद्द किये जाने की सूचना निकाल दी है। जारी सूचनाओं में कहा गया है कि अपरिहार्य कारणों से टेंडर को कैंसिल किया जा रहा है। इससे रांची सहित चक्रधरपुर, गिरिडीह, जमशेदपुर, हजारीबाग, खूंटी, बोकारो, डाल्टेनगंज, गढ़वा, धनबाद, लातेहार, कोडरमा और अन्य जगहों के लिए जारी विभिन्न टेंडरों को स्थगित कर दिया गया है और अब काम लटकने की उम्मीद है।

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