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    Home»Top Story»चार साल बाद भाजपा संग बैठे सुदेश महतो
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    चार साल बाद भाजपा संग बैठे सुदेश महतो

    azad sipahiBy azad sipahiMarch 17, 2019Updated:March 17, 2019No Comments4 Mins Read
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    राजीव
    रांची। करीब चार साल बाद सुदेश महतो ने भाजपा संग मंच साझा कर यह संदेश देने की कोशिश की कि झारखंड में एनडीए मजबूत है और मिशन-2019 की मंजिल को पाने के लिए कदमताल करने को तैयार हैं। वहीं तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू फिर से तमाम शिकवा-शिकायतें भूल कर देशहित के सवाल पर उसके खेमे में आ गयी है। राजधानी रांची में विधिवत रविवार को सुदेश महतो और भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने मंच साझा कर गठबंधन का ऐलान कर दिया। कहा कि 13 लोकसभा सीटों पर भाजपा और एक सीट पर आजसू उम्मीदवार खड़ा करेगी। ऐसा नहीं है कि यह मजबूती रातोंरात हो गयी।

    इसके पीछे भाजपा ने भी बड़े भाई का रोल निभाया है। लोकसभा में अपनी जीती हुई गिरिडीह सीट आजसू की झोली में डाल दी। इसके बाद गिले-शिकवे भुलाकर सुदेश भी मजबूती के साथ एनडीए के पाले में आ गये। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें, तो आजसू की जीती सीट हटिया गंवानी पड़ी थी। चुनाव के बाद से लगातार सुदेश और भाजपा के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। इसे काफी हद तक अमित शाह ने पाटने की कोशिश की। रांची प्रवास के दौरान सुदेश महतो के साथ चाय पी थी। लेकिन यह चाय भी आजसू और भाजपा के बीच मिठास पैदा नहीं कर पायी।

    स्वाभिमान यात्रा के जरिये सुदेश महतो के निशाने पर भाजपा सरकार ही रही। उन्होंने सरकार की नीतियां- और कार्यशैली पर खूब हमला बोला। हालांकि कहा यह जा रहा है कि सुदेश ने ताकत दिखाने के लिए स्वाभिमान यात्रा की थी। वैसे, दिल्ली में गठबंधन तय होने के बाद भी सुदेश महतो की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गयी थी। इस कारण इस गठबंधन पर भी संदेश हो रहा था, लेकिन रविवार को खुद सुदेश महतो और लक्ष्मण गिलुआ ने एक मंच पर आकर गठबंधन की घोषणा की। दोनों नेताओं ने सामूहिक रूप से लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर मुहर लगायी।

    अपनी स्वाभिमान यात्रा के दौरान सुदेश महतो राज्य सरकार के क्रियाकलाप पर गंभीर सवाल खड़े करते रहे थे। ऐसा लगने लगा था कि शायद आजसू और भाजपा की राहें अलग-अलग हो जायेंगी। कारण सुदेश महतो ने भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इस बीच अमित शाह के साथ बैठ कर सुदेश महतो ने भाजपा की लगातार जीती हुई सीट गिरिडीह को हथिया कर बाजी अपने पक्ष में कर ली। भाजपा ने आजसू को साथ लेकर एक वर्ग विशेष के वोट को समेटने की कवायद की है। साथ ही यह भी संदेश देने का काम किया है कि पार्टी गठबंधन धर्म का पालन करती है।

    एक मंच पर आये सुदेश महतो ने इस संबंध में कहा कि स्वाभिमान यात्रा के मूल को समझने में भूल हुई है। उन्होंने कहा कि मैंने सिस्टम पर सवाल किया था। सिस्टम की खामियों के लिए मैंने भ्रमण किया था। हमारा गठबंधन लोकसभा के लिए है। विधानसभा की बातें बाद में होंगी। जहां तक स्वाभिमान यात्रा का सवाल है, इसे लोकसभा चुनाव को देखते हुए स्थगित किया गया है। चुनाव बाद फिर से यह कार्यक्रम होगा। अभी हमें लगता है कि देश को नरेंद्र मोदी की जरूरत है। लोग एक बार फिर नरेंद्र मोदी पर आस्था दिखायेंगे।

    बताते चलें कि चुनाव की साझा तैयारी को लेकर शनिवार की सुबह बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय, संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के कांके रोड स्थित आवास पर पहुंचे थे। वहां तीनों नेताओं के बीच चुनाव अभियान और रणनीति को लेकर करीब एक घंटे तक विचार मंथन हुआ। तय किया गया कि दोनोंं दल संयुक्त रूप से चुनाव अभियान चलायेंगे। आजसू सिर्फ एक ही सीट पर चुनाव लड़ रही है लेकिन दोनों ही दल एक दूसरे के क्षेत्र में जाकर संयुक्त रूप से जनता से वोट मांगेंगे। पूरा चुनाव अभियान एक साथ चलेगा। दोनों दलों की बैठक भी लगातार होती रहेगी।

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