-किसानों को स्वावलंबी, सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए लगातार हो रहे प्रयास
-किसान पाठशाला के माध्यम से उन्नत कृषि के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जायेगा
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कृषि सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि मानव व्यवस्था को भी मजबूत करती है। विशेषकर झारखंड जैसे राज्य की ‘आत्मा’ कृषि में बसती है, क्योंकि यहां की 70 प्रतिशत आबादी कृषि और पशुधन से जुड़ी है। ऐसे में सरकार का कृषि और किसानों के विकास पर विशेष फोकस रहा है। किसानों- पशुपालकों के स्वावलंबन, सशक्तीकरण और आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों को उन्नत कृषि और कृषि कार्य के आधुनिक तकनीकों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री मंगलवार को समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना -सह- कृषक पाठशाला के लिए सूचीबद्ध एजेंसियों और पशुधन आपूर्तिकर्ताओं के साथ एमओयू और नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
किसानों के लिए चल रहीं कई योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की जरूरतों और आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जाये, इस दिशा में नीति निर्धारण करने के साथ कई योजनाएं शुरू की गयी हैं। सरकार ने बजट में कृषि के लिए चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान रखा है। किसानों को सशक्त बनाने के लिए हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना और किसान पाठशाला जैसी योजनाओं के साथ तालाब निर्माण, कूप निर्माण और सिंचाई परियोजनाओं को मजबूत किया जा रहा है। वहीं, पशुधन योजनाओं से किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा वन उपज को बढ़ावा देने के लिए सिदो-कान्हू कोआॅपरेटिव फेडरेशन बनाया गया है। इन सभी का मकसद किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार कृषि उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में भी निरंतर कार्य कर रही है। नये राइस मिल खोले जा रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में लैंपस-पैक्स को मजबूत करने के साथ गोदाम तथा कोल्ड स्टोरेज बनाया जा रहा है।
कृषि पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 32 वर्षों के बाद कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। इसका मकसद कृषि से जुड़े कार्यों और खेती के लिए किसानों को सहयोग करना है। उन्होंने कहा कि आज किसान खेतिहर मजदूर बनते जा रहे हैं। ऐसे में किसानों को कृषि से जोड़े रखने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है।
पशुधन योजना के तहत दिये जाने वाले पशुओं का होगा इंश्योरेंस
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को दिये जाने वाले पशुओं का भी इंश्योरेंस कराया जायेगा, ताकि किन्ही वजहों से मवेशियों की मौत होने पर किसानों को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि समृद्ध किसानों-पशुपालकों के पशुओं के इंश्योरेंस के लिए भी बैंकों से बातचीत की जायेगी।
17 एजेंसियों के साथ एमओयू , 26 पशु चिकित्सकों को मिला नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किसान पाठशाला के लिए 17 सूचीबद्ध कार्यकारी एजेंसियों और पशुधन आपूर्तिकर्ताओं के साथ एमओयू हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 26 पशु चिकित्सकों और सात कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक और कृषि निदेशक चंदन कुमार सिंह, निदेशक उद्यान निसार अहमद, कृषि विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारी और अपर सचिव अंजनी कुमार समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।