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    Home»स्पेशल रिपोर्ट»पंजाब ही नहीं, पूरे देश का सिरदर्द बढ़ा रहा है अमृतपाल सिंह
    स्पेशल रिपोर्ट

    पंजाब ही नहीं, पूरे देश का सिरदर्द बढ़ा रहा है अमृतपाल सिंह

    adminBy adminMarch 21, 2023No Comments6 Mins Read
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    विशेष
    -भारत के इस दुश्मन को हमेशा के लिए शांत करने की है जरूरत
    -पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कनेक्शन का पता चलने के बाद अब सतर्कता जरूरी
    -बड़ा सवाल : क्या पंजाब पर फिर से मंडरा रहा उस ‘काले दौर’ की वापसी का खतरा?

    आज बात करेंगे पंजाब की। चार दशक के बाद पंजाब एक बार फिर अशांत है। ‘खालिस्तान’ का भस्मासुर फिर से पंजाब से लेकर आॅस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन तक भारत के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। दो दशक से पंजाब शांति की राह पर आगे बढ़ रहा था, लेकिन अब पिछले कुछ महीनों से पंजाब में जैसे हालात बनते जा रहे हैं, वह एक भयावह संदेश भी दे रहे हैं। इसके साथ 80 के दशक के जलते पंजाब की यादें भी ताजा हो रही हैं। यही वह समय था, जब खुशहाली और समृद्धि के प्रतीक इस राज्य में खालिस्तान की मांग ने पूरे देश को अस्थिर करने का प्रयास किया था। उस दौर में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों ने पूरे पंजाब को हिंसा की भट्ठी में झोंक दिया था। वहीं पंजाब एक बार फिर अमृतपाल सिंह नामक सिरफिरे के कारण अशांत हो चला है। पिछले महीने एक पुलिस स्टेशन का घेराव कर राज्य सरकार को घुटने पर लाने के कारण खुद को अपराजेय समझनेवाला यह शख्स अब केवल पंजाब के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए सिरदर्द बन गया है। पंजाब सरकार की ढीली-ढाली कार्यशैली ने इस सिरदर्द का समय पर इलाज नहीं किया, जिसके कारण आज ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर उसके समर्थकों ने उत्पात मचाया है। अब इस बात की भी पुष्टि हो गयी है कि अमृतपाल सिंह के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ है। इसलिए इस सिरफिरे को हमेशा के लिए शांत करना अब जरूरी हो गया है। पंजाब के इस सिरदर्द की पूरी कुंडली के साथ इस समस्या के बारे में बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

    चार दशक पहले आतंकवाद की आग में लगभग जल चुके पंजाब की स्थिति आज एक बार फिर चिंताजनक हो गयी है। करीब एक दशक तक जलने और एक प्रधानमंत्री के अलावा अनगिनत शख्सियतों का बलिदान लेने के बाद तब पंजाब शांत हुआ था। अब फिर से पंजाब में उथल-पुथल मची हुई है। इसकी शुरूआत अमृतपाल सिंह नामक एक आतंकवादी ने की है। अमृतपाल कई दिनों से देश भर में चर्चा में बना हुआ है। पंजाब पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह भाग निकला। 29 साल के इस शख्स को यह गुमान हो गया है कि वह भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ कर जरनैल सिंह भिंडरांवाले बन सकता है। पिछले महीने उसने अजनाला थाने का घेराव कर पुलिस प्रशासन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह घटना राज्य सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण घटी थी। लेकिन यह सही है कि अमृतपाल सिंह नामक यह सिरदर्द लगातार बढ़ता जा रहा है।

    कौन है अमृतपाल सिंह
    ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया है अमृतपाल सिंह। वह फिलहाल फरार है। दो दिन पहले पंजाब पुलिस ने उसे पकड़ने का प्रयास किया था और पहले खबर भी आयी थी कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन बाद में पुलिस ने स्वयं कहा कि अभी वह पकड़ा नहीं गया है। उसे पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है और पूरे राज्य में उसे तलाश रही है। पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर देश से लेकर विदेश तक बवाल मचा हुआ है।
    अमृतपाल सिंह का जन्म साल 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर गांव में हुआ। अमृतपाल ने 12वीं तक पढ़ाई की है और अपने चाचा के ट्रांसपोर्ट के कारोबार में हाथ बंटाने के लिए 2012 में दुबई चला गया। वह छह महीने पहले सबकी नजरों में आया। पिछले साल एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिंह सिद्धू की सड़क हादसे में मौत के बाद उसने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभाली और दुबई से भारत आया। सिद्धू से अमृतपाल की कभी मुलाकात नहीं हुई, लेकिन उसका कहना है कि वह सिद्धू के आॅनलाइन वीडियो से काफी प्रभावित है। साल 2021 में किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर प्रदर्शन के दौरान अमृतपाल ने सिद्धू का समर्थन किया था। एक सप्ताह पहले सिद्धू की पहली पुण्यतिथि पर अमृतपाल ने कहा कि उसने अपने बाल काटने बंद कर दिये हैं। नवंबर 2021 में दिवंगत अभिनेता ने इस तरह की सलाह दी थी। पिछले साल 25 सितंबर को अमृतपाल आनंदपुर साहिब गया और अमृतधारी सिख बनने के लिए औपचारिक रूप से सिख धर्म अपनाया। एक इंटरव्यू में अमृतपाल ने बताया कि उनका जन्म और पालन-पोषण अमृतसर के जादू खेड़ा गांव में हुआ है। उसकी शादी 10 फरवरी 2023 को बाबा बकाला में हुई। अमृतपाल सिंह के खिलाफ तीन केस दर्ज हैं। दो केस नफरती भाषण और एक केस अपहरण से जुड़ा हुआ है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अमृतपाल सिंह की शादी ब्रिटेन की एनआरआइ किरणदीप कौर से हुई है। अमृतपाल अपना पहनावा भिंडरांवाले की तरह रखता है। वह उसी अंदाज में पगड़ी पहनता है, जैसा कि भिंडरांवाले पहनता था। अमृतपाल के पिता का नाम तरसेम सिंह है। अमृतपाल सिंह के दबदबे का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि पंजाब पुलिस ने अजनाला हिंसा के बाद अमृतपाल के खिलाफ दर्ज इन मामलों को आज तक सार्वजनिक नहीं होने दिया है।

    एक सौ से अधिक समर्थक गिरफ्तार
    अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी अभी तक भले ही न हुई हो, लेकिन इस संगठन के एक सौ से ज्यादा सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता है। इससे अमृतपाल सिंह के संगठन की कमर तो टूटी ही है, साथ ही सिखों के लिए अलग देश की मांग करनेवाले अमृतपाल सिंह की असली छवि भी सामने आयी है। पिछले महीने पंजाब के अजनाला थाने पर अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने हमला किया था। उस हमले का मकसद अपने साथी लवप्रीत उर्फ तूफान को रिहा कराना था।

    पंजाब में फिर अशांति का खतरा
    अमृतपाल सिंह प्रकरण के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या पंजाब में फिर से आतंकवाद और अलगावाद का खतरा है। 1980 के दशक में पंजाब पहले ही खालिस्तान आंदोलन देख चुका है। खालिस्तान आंदोलन का काला दौर 1980 से 1995 यानि डेढ़ दशक तक चला था। इस 15 साल की हिंसा में पंजाब में 21 हजार 532 लोग मारे गये थे। पुलिस कार्रवाई आठ हजार से अधिक अलगावदी ढेर हुए थे। अमृतपाल सिंह ने अब अपने आपको एक कट्टर सिख नेता साबित करने की कोशिश की है। ऐसा नहीं है कि अमृतपाल सिंह की गतिविधियों पर केंद्र चुपचाप बैठा है। केंद्र सरकार का एक्शन जल्द ही सामने दिखायी देगा। लेकिन यह एक्शन तत्काल लेने की जरूरत है, क्योंकि अमृतपाल सिंह के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ होने की बात स्थापित हो चुकी है। इसलिए इस समस्या को तत्काल खत्म करना ही भारत के सामने एकमात्र विकल्प है।

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