आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। छठी जेपीएससी में रिजर्व कटेगरी के अभ्यर्थियों के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने से संबंधित चंदन कुमार, गौतम कुमार, संजय कुमार महतो एवं कुमार अविनाश की अपील याचिका की सुनवाई सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में उन प्रतिवादियों को पुन: नोटिस जारी किया है, जिन्हें पूर्व में नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसका तामीला नहीं हो सका था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कार्यरत अनुशंसित अभ्यर्थी चंदन कुमार गौतम कुमार, कुमार अविनाश की अपील में सुनवाई करते हुए उनको प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया था। वहीं कार्यरत अभ्यर्थी संजय कुमार महतो पहले से ही प्रतिवादी बनाए गए थे। कोर्ट ने उन्हें भी नोटिस जारी किया था यह मामला उठी जेपीएससी परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें आरक्षित वर्ग के जो कैडिडेट अपने योग्यता के आधार पर सामान्य वर्ग में अपनी जगह बनाए थे, उन्हें सामान्य श्रेणी में ही कसीजर करते हुए जेपीएससी के द्वारा जर आवंटित किया गया था। जबकि प्रार्थी का कहना था कि कैडर आवंटन के लिए अपने चॉइस आॅफ सर्विस के लिए उनका कंसीडरेशन आरक्षित वर्ग में ही किया जाना चाहिए था। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जून 2021 में जेपीएससी दद्वारा रिजर्व कटेगरी वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने को सही ठहराया था। वही प्रार्थी का कहना था कि उनका कैडर आवंटन उन्हीं की रिजर्व कैटेगरी में होना चाहिए था। प्रार्थी ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान पूर्व में कोर्ट ने पार्थी को यह बताने को कहा था कि कैसे उनका फिडर आवंटन अनरिजर्व में किया जाना अनुचित है जेपीएससी के द्वारा बताया गया था कि नियम के अनुसार ही उनका कैडर आवंटन अनारक्षित कैटेगरी में किया गया है। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल प्रिंस कुमार ने पैरवी की।

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