हजारीबाग। झारखंड प्रदश रसोईया संयोजिका संघ की ओर से हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा के आवास का घेराव किया गया। संघ के अध्यक्ष अजीत प्रजापति ने कहा कि सांसद जयंत सिन्हा निजी कंपनी को लाभ देने के लिए मिड डे मील की नयी व्यवस्था जिला में लागू कर रहे हैं। इसके लिये 27 करोड़ की लागत से किचन का निर्माण किया गया है। जहां से खाना बना कर 23 विद्यालयों में भोजन दिया जा रहा है। पहले भोजन स्कूल प्रबंधन के समक्ष बना कर छात्रों को दिया जाता था। वहीं अब एक बंद कमरे में खाना बना कर छात्रों को दिया जा रहा है। भोजन सप्लाई करने के लिए किचन संचालकों की ओर से गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. संघ ने भोजन की गुणवत्ता और रसोईया संयोजिका के रोजगार के खतरे पर सवाल खड़े करते हुए इसका विरोध किया। अजीत ने कहा कि एक ओर सरकार स्कूलों में चलनेवाले मिड डे मील के लिए समय पर फंडिंग नहीं करती है। अब भी दो महीने से फंडिंग बाकी है. दूसरी तरफ सरकार निजी कंपनियां को लाभ देने के लिए मिड डे मील बंद कमरे में चलाती है। संघ इसका विरोध करता है. साथ ही सांसद से ऐसी योजना को बंद करने का आग्रह करता है।
लागत में अंतर इस प्रकार
अजीत प्रजापति ने बताया कि पारंपरिक विद्यालयों में बननेवाले मिड डे मील और निजी कंपनी द्वारा बनाये जाने वाले मिड डे मील की लागत में काफी अंतर है। रसोईया संयोजिका को जहां सरकार एक से पांच क्लास तक के बच्चों के लिए 5.45 रुपये और क्लास 6 से 8 तक के लिए 8.17 रुपये देती है। जबकि निजी कंपनी की ओर से बनाये जाने वाले भोजन में कक्षा एक से पांच के लिए प्रति छात्र 14.33 रुपये और कक्षा 6 से 8 के लिए 17 रुपये प्रति छात्र व्यय है। ऐसे में सरकार निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए कपंनियों से काम ले रही है। जिसका विरोध किया जायेगा।