-राज्य सरकार 2025-26 तक समाधान का वादा
रांची। झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 14वें दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही 11:05 बजे शुरू हुई। गढ़वा विधायक सत्येंद्र तिवारी ने बिजली वितरण निगम की लापरवाही का मुद्दा उठाते हुए ट्रांसफार्मर मरम्मत में देरी पर सवाल खड़ा किया।

सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि बिजली वितरण निगम के पास सर प्लस ट्रांसफार्मर भी नहीं है। अगर किसी गांव में ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है तो ग्रामीण खुद चंदा करके ट्रांसफार्मर लेते हैं और बिजली ऑफिस पहुंचाते हैं। फिर ट्रांसफार्मर बन जाता है तो गांव वाले ही भाड़ा लगाकर ट्रांसफार्मर लाकर लगाते हैं। एक ट्रांसफार्मर लगाने में 30000 लगता है।

विधायक ने कहा कि अगर ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे के अंदर और शहरी क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर बिजली ठीक नहीं होता है तो हर उपभोक्ता को प्रतिदिन 25 रुपये देने का प्रावाधान है। लेकिन उपभोक्ताओं को यह हर्जाना भी नहीं मिलता है।

इस पर प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रताप ने कहा कि जेएसपीआईसी ने 2015 का यह नियम बनाया है। उन्होंने कहा कि अब तक विभाग को उपभोक्ता की ओर से कोई दावा आपत्ति नहीं मिली है। कहीं-कहीं बिजली ठीक कराने में देरी होती है। लेकिन सरकार दृढ़संकल्पित है कि 2025-26 में इसे लागू करें। इसके लिए आईटी सॉफ्टवेयर डेवलप कर लिया गया है।

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