आणन्द। माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल के संस्थापक-संयोजक एवं ‘पद्मश्री’ सम्मान विभूषित विजयदत्त श्रीधर को हिन्दी जगत के सर्वोच्च सम्मान ‘साहित्य वाचस्पति’ से सम्मानित किया गया। यहां वल्लभ विद्यानगर स्थित सरदार पटेल विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 76वें अधिवेशन में हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की तरफ से उन्हें यह सम्मान दिया गया। विजयदत्त श्रीधर के साथ संस्कृत विद्वान पूर्व कुलपति ‘अभिराज’ राजेन्द्र मिश्र और सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति निरंजन कुमार पूरनचंद पटेल को भी यह सम्मान प्रदान किया गया।
उक्त सम्मान हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति आचार्य सूर्यप्रसाद दीक्षित और सम्मेलन के प्रधानमंत्री कुंतक मिश्र ने प्रदान किया। सम्मान के पूर्व श्रीधर की प्रशस्ति पढ़ी गयी। जिसमें पत्रकारिता और साहित्य में उनके योगदान का जिक्र हुआ।
इस अवसर पर श्रीधर ने कहा कि सम्मेलन के जिस मंच पर खड़ा होना सौभाग्य का विषय हुआ करता है, वहां सम्मानित होना गौरव की बात है। उन्होंने महत्वपूर्ण संगठनों में समय रहते युवा नेतृत्व को सामने लाने की जरूरत बताई। श्रीधर को अधिवेशन के राष्ट्रभाषा परिषद् के सभापति का भी दायित्व दिया गया।
उल्लेखनीय है कि सम्मेलन के सभापति का दायित्व निभाने वालों में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भी शामिल रहे हैं। इसी तरह साहित्य वाचस्पति की मानद उपाधि ग्रहण करने वालों में महात्मा गांधी, मदनमोहन मालवीय, माधवराव सप्रे और कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी जैसी विभूतियां शामिल रहीं हैं।