कोलकाता। जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जूटा) ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया तुरंत शुरू करें। जूटा के अध्यक्ष पार्थ प्रतिम बिस्वास ने राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बोस को लिखे पत्र में कहा कि स्थायी नेतृत्व के अभाव में कई प्रशासनिक और शैक्षणिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो इससे विश्वविद्यालय पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि स्थायी कुलपति के बिना निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, जिससे संकाय भर्ती, शैक्षणिक नीति क्रियान्वयन और समग्र प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो रहे हैं। नेतृत्व की अनिश्चितता के कारण शिक्षकों और छात्रों के मनोबल पर असर पड़ रहा है, जिससे विश्वविद्यालय का शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा है।

इसके अलावा, जूटा ने यह भी चेताया कि स्थायी प्रशासन के अभाव में विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है और इससे गुणवत्तापूर्ण छात्रों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। गौरतलब है कि जादवपुर विश्वविद्यालय पिछले डेढ़ साल से स्थायी कुलपति के बिना कार्य कर रहा है। इस दौरान भास्कर गुप्ता कार्यवाहक कुलपति के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

इस बीच, राज्यपाल बोस ने हाल ही में कहा कि वे जादवपुर विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति से अवगत हैं और संस्थान और सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाएगा। जूटा ने कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का भी ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित किया था।

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