रांची। राज्यस्तरीय कोरोना नियंत्रण केंद्र में कोविड-19 से संबंधित किसी भी तरह की सहायता के लिए टॉल फ्री नंबर 181 पर कॉल आते ही पूरी टीम सक्रिय हो जा रही है। सूचना मिली कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा निवासी तहीदुल इस्लाम एवं अन्य नौ लोग रांची स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केएमवी धुर्वा में मजदूरी करने आये थे। लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से इन्हें खाद्यान्न की समस्या होने लगी। इन्होंने 181 पर संपर्क किया, जिसपर नियंत्रण केंद्र द्वारा तत्काल जिला आपूर्ति पदाधिकारी को सूचित किया गया। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज चार घंटे में ही इन मजदूरों तक राशन उपलब्ध कराया।
फंसे बिहारी मजदूरों तक तक पहुंचा राहत
बिहार निवासी प्रमोद मंडल एवं अन्य लोग रांची के तमाड़ में मजदूरी करने आये थे। लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से इनके समक्ष खाद्य सामग्री से संबंधित समस्या होने लगी। इन लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी। कोरोना कंट्रोल रूम में इन्होंने संपर्क किया जिसके पश्चात नियंत्रण केंद्र द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी रांची से संपर्क किया गया। जिला आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा इन लोगों को राशन उपलब्ध कराया गया।
सरकार का प्रयास: कोई कोई भूखा नहीं रहे
लॉकडाउन 3 मई तक चलेगा। इस दौरान कोई राज्य में भूखा नहीं रहे, इसके लिए झारखंड सरकार प्रयास कर रही है।विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों तक भोजन और खाद्य सामग्री पहुंचाया जा रहा है। खाद्य आपूर्ति विभाग लोगों तक विभिन्न योजनाओं के तहत राशन एवं खाना पहुंचाया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार अब तक 1,83,031 लोगों तक अनाज पहुंचा दिया गया है। वहीं नन पीडीएस के तहत 2,41,819 लोगों तक अनाज उपलब्ध करा दिया गया है। दाल भात की विभिन्न योजनाओं में अब तक 98,65,820 लोगों को खाना खिलाया गया है।
फंसे लोगों की सहायता की पहल
लॉकडाउन की वजह से झारखंड के कई लोग राज्य के बाहर फंसे हुए हैं। राज्य सरकार उनकी सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। श्रम विभाग द्वारा जारी टॉल फ्री नंबर्स पर अब तक 31,776 कॉल प्राप्त हुए हैं, जिसमें राज्य के बाहर 9,33,505 लोगों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है। अब तक सरकार द्वारा 12,870 जगहों पर फंसे 4,86,373 मजदूरों के खाने एवं रहने की व्यवस्था की गयी है।

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