-न्यायिक आयोग के बाद दो एसआइटी गठित
-अतीक के बेटे ने जेल के बैरक में अपना सिर फोड़ा
आजाद सिपाही संवाददाता
प्रयागराज। अतीक-अशरफ हत्याकांड की तीन स्तरों से जांच होगी। हत्या की जांच के लिए दो एसआइटी गठित की गयी है। इससे पहले सरकार ने रविवार को न्यायिक आयोग का गठन किया था। उधर जेल सूत्रों के मुताबिक अतीक का बेटा अली सोमवार दोपहर में अपना सिर बैरक के गेट पर मार लिया, जिससे उसके सिर में चोट आ गयी है। गौरतलब है कि शनिवार की रात अतीक और अशरफ को पुलिस जब अस्पताल ले जा रही थी, तब तीन हत्यारों ने उन्हें गोली मारी। इसमें अतीक और अशरफ की मौके पर ही मौत हो गयी। तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने इन्हें प्रयागराज जेल भेज दिया है। साथ ही पूछताछ के लिए रिमांड पर ले रही है।
हत्याकांड के लिए गठित जांच टीम
इस सनसनीखेज प्रयागराज कमिश्नर रमित शर्मा ने तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की है। इसमें प्रयागराज के एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र, एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच ओमप्रकाश को शामिल किया गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने भी एसआइटी गठित की है। इसकी अध्यक्षता प्रयागराज जोन के एडीजी भानु भास्कर करेंगे। उनके साथ कमिश्नर प्रयागराज और एफएसएल डायरेक्टर को शामिल किया गया है। इससे पहले रविवार को गृह विभाग ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है। यह दो महीने के अंदर हत्याकांड की जांच करके शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में आयोग काम करेगा। इसमें रिटायर्ड डीजीपी सुबेश सिंह और रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी को शामिल किया गया है।
नैनी जेल में अतीक के बेटे का हंगामा:
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर फायरिंग करने वाले शूटर अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को नैनी सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ शिफ्ट किया गया है। नैनी जेल में अतीक का बेटा अली अहमद कैद है। ऐसे में गैंगवार के खतरे को देखते हुए अतीक-अशरफ के तीनों शूटरों की जेल बदली गयी है। उधर, जेल सूत्रों के अनुसार अली अपने भाई असद के एनकाउंटर के बाद से ही परेशान है। पिछले तीन रातों से वह सोया भी नहीं है। जेल का खाना खाने से भी इनकार कर दिया है। वह बार-बार सिर्फ एक ही बात कह रहा है कि धोखे से हमारे भाई को मार दिया, अब्बू और चाचा को भी मार दिया। रविवार को वह पिता के जनाजे में जाने की भी जिद कर रहा था, लेकिन अनुमति नहीं मिली। सोमवार दोपहर में अली ने जोर-जोर से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। जब तक वार्डन उसके पास पहुंचे, उसने अपना सिर बैरक के गेट पर मारा, जिससे उसके सिर में चोट आ गयी है। बैरक पर तैनात बंदी रक्षक ने अली को लहूलुहान देखा तो अलार्म घंटी बजा कर उसने जेल प्रशासन को सूचना दी। आनन-फानन में अली को जेल अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया। वहां उसकी मरहम पट्टी करायी गयी। उसे दोबारा बैरक में भेज दिया गया है।