रांची। झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को देवघर, जामताड़ा, साहिबगंज में साइबर क्राइम की घटना की रोकथाम को लेकर मनोज कुमार राय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार और आरबीआई की ओर से मामले में जो जरूरी कदम उठाया जाना था, वह उठाया जा चुका है। कोर्ट के आदेश का अनुपालन हो गया, ऐसे में अब इस याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने जनहित याचिका निष्पादित कर दी।

प्रतिवादी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से अधिवक्ता रोहित रंजन सिन्हा ने पैरवी की। दरअसल, पूर्व की सुनवाई में आरबीआई की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया था कि वह राज्य सरकार को साइबर फ्रॉड रोकने को लेकर दिशा-निर्देश जारी नहीं कर सकती है। आरबीआई का मोबाइल बैंकिंग फ्रॉड से संबंधित नियम, रेगुलेशन एवं दिशा-निर्देश कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। वहीं याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि झारखंड के देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज में साइबर अपराधी सक्रिय हैं। इनके द्वारा बड़े पैमाने पर झारखंड से साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दिया जाता है।

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