-हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया निर्देश
-जिलों में टास्क फोर्स को मजबूत कर भू माफिया, फिरौती की मांग करनेवालों और महिला हिंसा करनेवालों पर करें सख्त कार्रवाई
रांची। दुमका में स्पेनिश बोलनेवाली ब्राजील निवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के रांची स्थित जमीन की बाउंड्री वॉल तोड़ कर जमीन पर कब्जे की कोशिश मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई गुरुवार को हाइकोर्ट में हुई। मामले में हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि राज्य के जिलों में टास्क फोर्स को मजबूत बना कर भू माफियाओं, फिरौती की मांग करनेवालों और महिला हिंसा करनेवालों पर सख्त कार्रवाई करें। कोर्ट ने अगली सुनवाई में राज्य सरकार को टास्क फोर्स द्वारा जिलों में की गयी कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से भू माफियाओं, महिलाओं के खिलाफ क्राइम करनेवालों और फिरौती मांगने वालों के खिलाफ अब तक की गयी कार्रवाई के संबंध में शपथ पत्र दाखिल किया गया।

इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जमीन माफियाओं, फिरौती मांगने वालों एवं महिलाओं के खिलाफ क्राइम करनेवाले अपराधियों जिन्हें अदालत से जमानत नहीं मिली है, उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की गयी। कोर्ट ने राज्य सरकार को झारखंड में हो रहे साइबर क्राइम पर भी अंकुश लगाने का भी निर्देश दिया। साथ ही यह भी पूछा कि अगर फिरौती को लेकर किसी के पास विदेश या देश के अन्य राज्यों से कोई फोन कॉल आता है तो उसे ट्रेस करने के लिए क्या तरीका इस्तेमाल किया जाता है।

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