रांची। राज्य सरकार ने लगभग डेढ़ साल बाद ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) की बैठक बुलायी है। 16 अप्रैल को दिन के साढ़े ग्यारह बजे से प्रोजेक्ट भवन में होनेवाली इस बैठक में फिर सीएनटी, पेसा, लुगुबुरू स्थित डीवीसी का हाइडल प्रोजेक्ट और अन्य मुद्दे छायेंगे। टीएसी की पिछली बैठक 16 नवंबर 2023 को हुई थी। विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर काफी दिनों तक टीएसी की बैठक टली। उसके बाद टीएसी की नये सिरे से गठन में भी कुछ विलंब हुआ।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार 16 अप्रैल को होनेवाली बैठक में फिर से पिछली बैठक के एजेंडों पर चर्चा की जायेगी। उसमें पेसा कानून को राज्य में लागू करना, वनाधिकार अधिनियम के आदिवासी विरोधी प्रावधानों पर विचार करना प्रमुख है। इसके अलावा झारखंड का सबसे संवेदनशील सीएनटी के मुद्दे पर भी चर्चा की जायेगी। उल्लेखनीय है कि पिछली बैठक में सीएनटी के मुख्य प्रावधान में बदलाव के सुझाव आये थे। उसमें सीएनटी एक्ट में थाना क्षेत्र के दायरे को बढ़ाने पर विचार किया गया था। मालूम हो कि सीएनटी एक्ट में एक ही थाना क्षेत्र में रहनेवाला कोई भी आदिवासी, उसी थाना क्षेत्र के किसी आदिवासी को अपनी जमीन हस्तांतरित कर सकता है। खरीद-बिक्री कर सकता है।

जानकारी के अनुसार लुगुबुरू में डीवीसी द्वारा बनाये जानेवाले हाइडल प्रोजेक्ट पर भी विचार किया जायेगा। आदिवासियों के इस धार्मिक स्थल पर हाइडल प्रोजेक्ट के निर्माण का आदिवासी समाज व उससे जुड़े संगठन विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा टीएसी के अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अपनी ओर से बैठक में किसी एजेंडे को रख सकेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ने अभी अपने प्रस्ताव को टीएसी की बैठक के लिए बननेवाले एजेंडे में शामिल नहीं किया है।

टीएसी में कौन-कौन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन टीएसी के अध्यक्ष और कल्याण मंत्री चमरा लिंडा उपाध्यक्ष हैं। इसके अलावा बाबूलाल मरांडी, आलोक सोरेन, लुइस मरांडी, संजीव सरदार, चंपाई सोरेन, सोनाराम सिंकू, जगत मांझी, दशरथ गगराई, सुदीप गुड़िया, राम सूर्या मुंडा, राजेश कच्छप, जिगा सुसारन होरो, नमन विक्सल कोंगाड़ी और रामचंद्र सिंह विधायक के रूप में टीएसी के सदस्य और जोसाई मार्डी और नारायण उरांव मनोनीत सदस्य हैं।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version