प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने बड़ी उम्मीदों के साथ सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च तो किया किन्तु वह दुर्घटनाग्रस्त होकर येलो सी में जा गिरा। अब कोरियाई वैज्ञानिकों ने जल्द ही दोबारा उक्त उपग्रह लांच करने की बात कही है।

उत्तर कोरिया ने अपने पश्चिमी तट के लॉन्चिंग स्टेशन से 6.27 बजे रॉकेट लांच किया था। सामान्य उड़ान के दौरान पहले चरण की सफलता के बाद दूसरे चरण में आते ही इंजन में दिक्कत आ गई, जिसकी वजह से मिशन फेल हो गया। उत्तर कोरिया का कहना है कि वे इस मिशन की नए सिरे से जांच करेंगे और सामने आई खामियों को दूसरी उड़ान से पहले सही करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि अपना दूसरा परीक्षण हम जल्द से जल्द करेंगे।

समुद्र में रॉकेट गिरने के कारण जापान और दक्षिण कोरिया ने आपातकालीन चेतावनी जारी की है। दोनों देशों ने अपने नागरिकों से कहा कि अगर आप लोग घरों से बाहर हैं तो जल्द घर पहुंचने की कोशिश करें और अपने आप को कवर करें। जापान के रक्षा मंत्रालय ने बैलिस्टिक मिसाइल होने का अंदेशा जताया है। प्योंगयांग ने जापान के कोस्ट गार्ड को रॉकेट गिरने के तीन जगहों के बारे में अंदेशा जताया था। इनमें से दो स्थान स्थान पश्चिमी कोरियाई के थे तो तीसरा स्थान पूर्वी फिलीपींस का था। तीनों इलाके जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के तहत नहीं आते थे।

उत्तर कोरिया के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के वाइस चेयरमैन री प्योंग चोल ने सोमवार को कहा था कि उनका पहला जासूसी सैटेलाइट ट्रैकिंग और निगरानी समते कई काम एक समय में कर सकता है। इससे अमेरिका सहित अन्य दुश्मन देशों की हरकतों पर नजर रखा जा सकता है। जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने कहा कि इतिहास को याद करते हुए कहा कि कोरिया क्या पता अपने बैलिस्टिक मिसाइल्स का परिक्षण कर रहा है। अगर ऐसा है तो यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा। सनद रहे, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार, उत्तर कोरिया के हथियारों से संबंधित कामों पर रोक लगाया गया है।

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