नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा की तर्ज पर ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक 2023 को संबोधित किया। गरुवार को आयोजित बैठक में ब्रिक्स सदस्य देशों- ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री एक साथ आए। इस मौके पर डॉ. मांडविया कहा कि महामारी किसी सीमा को नहीं मानता इसलिए इससे निपटने के लिए सभी देशों को सामूहिक प्रयास करने होंगे। बीमारी के प्रकोप और महामारी को रोकने के लिए निगरानी, अनुसंधान और विकास संयुक्त प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने में सभी देशों को आगे आना चाहिए।
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के एजेंडे को प्राथमिकता देने के लिए दक्षिण अफ्रीका का आभार व्यक्त करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि ब्रिक्स 2023 की समग्र थीम, “पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद के लिए साझेदारी” के साथ रेखांकित करती है।
डॉ. मांडविया ने कहा कि कोरोना महामारी ने टीकों, चिकित्सीय और निदान के विकास में सहयोग और तालमेल बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। डॉ. मांडविया ने निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक तपेदिक (टीबी) को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा भारत ने न केवल उपचार पर बल्कि सामुदायिक सहायता के माध्यम से पोषण संबंधी सहायता पर केंद्रित व्यापक पहलों को लागू किया है, जिसके परिणामस्वरूप 2015 से 2022 तक टीबी की घटनाओं में 13 प्रतिशत और टीबी मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की कमी आई है, दोनों श्रेणियों में वैश्विक कमी को पार कर गया है।
ब्रिक्स देशों में टीबी के बोझ को स्वीकार करते हुए, डॉ. मांडविया ने एक सुरक्षित और प्रभावी टीका बनाने के लिए ब्रिक्स टीबी अनुसंधान नेटवर्क के भीतर सहयोग का विस्तार करने का सुझाव दिया।