रांची। राजधानी के रांची रेलवे स्टेशन से लापता हुए नौ माह के मासूम शुभम को बरामद करने में रांची पुलिस को सफलता मिल गयी है। रांची पुलिस ने बच्चे के साथ-साथ बच्चा चोर गिरोह को भी दबोचा है। सूत्रों के अनुसार रांची पुलिस ने बच्चे को ओड़िशा के पुरी इलाके से बरामद किया है। साथ ही महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल रांची पुलिस बच्चे और गिरफ्तार आरोपियों को रांची लाने के लिए कानूनी प्रक्रिया में लगी है। कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर आरोपियों को रांची लाया जायेगा। संभवत: शनिवार को रांची पुलिस बच्चे को लेकर पहुंचेगी।
जानकारी के मुताबिक रांची पुलिस की एक टीम चुटिया थाना प्रभारी उमाशंकर के नेतृत्व में ओड़िशा के पुरी इलाके में छापेमारी कर रही थी। तकनीकी और मानवीय सूचना के आधार पर रांची पुलिस ओड़िशा पुलिस की सहायता से बच्चा चोर गिरोह तक पहुंची। उसके बाद बच्चे को बरामद करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, बीते रविवार को नौ माह के शुभम को बच्चा चोरों ने तब गायब कर दिया था, जब वह अपनी दादी के साथ सो रहा था। बच्चे के गायब करने की पूरी वारदात रांची रेलवे स्टेशन में लगे सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गयी थी। उसके बाद से पुलिस बच्चे की तलाश कर रही थी। बच्चा चोरी की घटना के बाद चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन के सचिव बैजनाथ कुमार की पहल पर सीआइडी में भी बच्चा चोरी का मामला पहुंचा। सीआइडी की टीम भी बच्चे और बच्चा चोर की तलाश में जुटी थी।
झारखंड के लातेहार के गारू के रहनेवाले अमित लोहरा और उनकी पत्नी नीना देवी अपने नौ माह के बच्चे शुभम के साथ अगरतला से रांची लौटे थे। लातेहार की ट्रेन नहीं मिलने की वजह से उन लोगों ने स्टेशन के बाहर ही रात गुजारी थी। उसी दौरान उनका बच्चा गायब हो गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद चुटिया और जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची। रेलवे स्टेशन में लगे सीसीटीवी खंगालने पर पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा, फुटेज के आधार पर पुलिस की टीम आरोपी की तलाश में जुट गयी थी।
अमित ने बताया कि वह अगरतला में ईंट भट्टा में काम करता है। छह महीने के बाद वह रविवार की शाम साढ़े चार बजे सुबह रांची पहुंचा था। उन्हें रांची से ट्रेन से लातेहार जाना था, लेकिन ट्रेन नहीं मिलने की वजह से वह स्टेशन में ही परिवार के साथ रुक गया। प्लेटफार्म में जगह नहीं मिलने की वजह से वह स्टेशन के बाहर टिकट काउंटर के पास परिवार के साथ चला गया और वहीं पर रात गुजारी। उसके साथ उसकी पत्नी, नौ माह का शुभम और उनकी मां के अलावा ईंट भट्ठा में साथ काम करने वाले एक अन्य परिवार के लोग भी थे।