काठमांडू। नेपाली सौ के नोट पर विवादित नक्शा प्रकाशित करने का चौतरफा विरोध हो रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल, सत्ता पक्ष के मंत्री, सांसद के अलावा नेपाली सेना के प्रधान सेनापति के बाद अब राष्ट्रपति के सलाहकार ने भी विरोध किया है।

राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल के आर्थिक मामलों के सलाहकार चिरंजीवी नेपाल ने सरकार के इस फैसले को कूटनीतिक मर्यादा के विपरीत बताया है। काठमांडू में आयोजित इकॉनमिक कनक्लेव में राष्ट्रपति के सलाहकार ने कहा कि सरकार का यह फैसला अविवेकपूर्ण है और इसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम होंगे। कनक्लेव में चिरंजीवी नेपाल ने कहा कि एक तो ऐसे ही देश का अर्थतंत्र सरकारी नीति के कारण डांवाडोल है, अब सरकार के इस फैसले से भी अर्थतंत्र पर नकारात्मक असर हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यदि नेपाली सौ के नोट को विवादित नक्शे के कारण भारत ने मान्यता नहीं दी तो वेनेजुएला की तरह हमारा नोट किलो के भाव में भी नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे को कूटनीतिक टेबल पर राजनीतिक समझदारी के साथ सुलझाना चाहिए, उस पर भारत को चिढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब भारत में लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि नेपाल और भारत के साथ संबंध बिगाड़ने के लिए कहीं किसी तीसरे के इशारे पर या दबाब में तो यह कदम नहीं उठाया गया है?

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